जब आप स्वस्थ एवं पर्याप्त भोजन करतें हैं, तो आपके मूड में कम उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है, एक समग्र खुशहाल दृष्टिकोण और ध्यान केंद्रित करने की बेहतर क्षमता के लिए खुद को पर्याप्त भोजन देने की ज़रुरत होती है. किये गए कई अध्ययनों से यह भी पता चला है कि स्वस्थ आहार अवसाद और चिंता के लक्षणों में मदद कर सकता है।
क्या मानना है विशेषज्ञों का?
कई विशेषज्ञ डाइटिंग को अवसाद, कम आत्मसम्मान और बढ़े हुए तनाव की भावनाओं से जोड़ते हैं। परहेज़ करने से खाने का विकार हो सकता है। कई अध्ययनों और कई स्वास्थ्य पेशेवरों का मानना है की ज्यादातर लोग डाइटिंग के चलते अपने खाने में एंड-शंड चीज़ों को जोड़ लेते हैं जिसकी वजह खली पेट और पर्याप्त भोजन की कमी बताई है .
डाइटिंग के 4 नकारात्मक प्रभाव क्या हैं?
जैविक रूप से, परहेज़ करने से शरीर की संरचना में अस्वास्थ्यकर परिवर्तन हो सकते हैं, हार्मोनल परिवर्तन, हड्डियों के घनत्व में कमी, मासिक धर्म में गड़बड़ी, और कम आराम ऊर्जा व्यय हो सकता है।
आहार मूड और व्यवहार को कैसे प्रभावित कर सकता है?
जिंक, आयरन, बी विटामिन, मैग्नीशियम, विटामिन डी और ओमेगा -3 फैटी एसिड के निम्न स्तर खराब मूड और ऊर्जा में कमी के साथ जुड़े हुए हैं। बहुत अधिक परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट खाना। सफेद ब्रेड और पेस्ट्री जैसे अस्वास्थ्यकर, प्रसंस्कृत कार्बोहाइड्रेट के उच्च सेवन से ब्लड शुगर तेजी से बड़ और गिर सकती है।
क्या होता है जब आप बहुत लंबे समय तक डाइटिंग करते हैं?
जब आप एक लम्बे समय तक डाइटिंग करते हैं ये सोच कर की आप अपना एक आइडियल बॉडी पा पाएंगे तब असल में आप खुद को अंदर से कमज़ोर और अपने शरीर को पर्याप्त भोजन के लिए तरसा रहे होतें है जिसके कारण शरीर खुद को थका और कमज़ोर महसूस करता है. एक लम्बे समय तक डाइटिंग करने वाले क्लोरीन के इन्टेक को बाधित कर खुद को मुश्किल में डाल लेते हैं जिसके कारण न केवल उनका शरीरिक स्वास्थ्य बिगड़ता है बल्कि उनका मानसिक स्वास्थ भी ख़राब हो जाता है.
क्या डाइटिंग करने से अवसाद और चिंता हो सकती है?
आहार द्वारा बदले गए रसायन अवसाद से जुड़े होते हैं। आहार में परिवर्तन तब वापसी के लक्षणों और तनावपूर्ण स्थितियों के प्रति अधिक संवेदनशीलता का कारण बनता है. ये आपको पर्याप्त भोजन की कमी दे सकता है जिसके कारण आप खुद में आसंतोश और चिडचिडापन महसूस करोगे।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।