Identity crisis किसी भी व्यक्ति के लिए एक बड़ा सवाल है और ये आज से नही सदियों से लोगों पर अपना असर छोड़ता आया है. इसी पहचान की दौड़ में दौड़ रहे कई गदिधारियों ने अपने राज गवाएँ और दूसरों के हड्पें हैं. तो ये बात अब लाज़मी है की ये कोई आम क्राइसिस तो नही है. इससे जुड़े हैं कई एतिहासिक और मानसिक पेंच. ये एक व्यक्तिगत लड़ाई है जो इंसान जीवन भर जाने-अनजाने लड़ता रहता है.
Identity crisis निराशा की भावना पैदा कर सकता है, आपको फांस सकता है, या सार्थक प्रगति की कमी कर सकता है। इसके अलावा, एक पहचान का संकट अवसाद या चिंता की भावनाओं को प्रभावित कर सकता है, जिससे लोग अपने और अपने जीवन से असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं।
पहचान का संकट (Identity crisis ) होने का क्या अर्थ है?
एक पहचान का संकट (Identity crisis ) को किसी व्यक्ति के जीवन में अनिश्चितता या भ्रम की अवधि के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह संकट तब होता है जब व्यक्ति की पहचान की भावना असुरक्षित और अस्थिर हो जाती है। पहचान का संकट आमतौर पर तब होता है जब किसी व्यक्ति के जीवन में कोई बदलाव आता है। लेकिन पहचान का संकट कभी भी आ सकता है.
पहचान के संकट (Identity crisis ) का संकेत क्या हैं?
समग्र रूप से या जीवन के एक निश्चित पहलू जैसे रिश्ते, उम्र या करियर के संबंध में। आप कौन हैं या समाज में आपकी भूमिका के सवाल के कारण आप महान व्यक्तिगत संघर्ष का अनुभव कर रहे हैं। हाल ही में बड़े बदलाव हुए हैं जिन्होंने आपकी स्वयं की भावना को प्रभावित किया है, जैसे कि तलाक, नौकरी का जाना, आपकी छवि का अचानक बिगड़ जाना, भ्रम आदि
आप पहचान के संकट (Identity crisis ) को कैसे ठीक कर सकतें हैं?
पहचान के संकट (Identity crisis ) को अक्सर आत्म-अन्वेषण, चिकित्सा, और एक समर्थन प्रणाली से सहायता के संयोजन के माध्यम से हल किया जा सकता है। इसके अलावा आप धीरे-धीरे कर के अपनी छवि के सुधार के प्रति काम कर सकतें है. हाँ ये बात सही है की अपनी छवि को सुधारने या नयी छवि बनाने में आपको थोडा समय लग सकता है पर ये उपयोगी साबित होगा।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।