मुलेठी एक लकड़ी की तरह दिखने वाला खाद्य पदार्थ है। यह एक झाड़ीदार पेड़ होता है, जो अंदर से पीला, रेशेदार और हल्की सुगंध वाला होता है। इसका इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। जैसे कि आंखों के रोग, मुख रोग, कंठ रोग, उदर रोग, सांस विकार, हृदय रोग, घाव के उपचार आदि। मुलेठी एक लकड़ी को चबाने पर इसका स्वाद मीठा लगता है। मुलेठी में कैल्शियम, ग्लीसिर्रहिजिक एसिड, एंटी ऑक्सिडेंट, एंटीबायोटिक और प्रोटीन के तत्व पाए जाते हैं। जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। आपने मुलेठी के फायदों के बारे में ज़रूर सुना होगा, लेकिन क्या आप इसके नुकसान के बारे में जानते हैं?
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मुलेठी के नुकसान-
मोटापा हो तो ना करें मुलेठी का इस्तेमाल- जिन लोगों के उच्च रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह, एस्ट्रोजेन-संवेदनशील विकार, गुर्दा, हृदय और मासिक धर्म संबंधी समस्यां रहती है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करता है- अगर मुलेठी का जरूरत से ज्यादा सेवन किया जाए तो इससे मांसपेशियों, क्रोनिक थकान, सिरदर्द, सूजन, एडिमा, सांस की तकलीफ, जोड़ों में अकड़न और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो सकता है और साथ ही शरीर में कमज़ोरी आ सकती है।
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या- अगर किसी के शरीर में पोटेशियम की कमी, हाई ब्लड प्रेशर और मांसपेशियां में परेशानी रहती है, तो उन्हें मुलेठी का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं किडनी, डायबीटिक और गर्भवती महिलाएं मुलेठी के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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मुलेठी का उपयोग कैसे करना चाहिए-
१. मुलेठी का पाउडर लें और उसे पानी में घोलकर सेवन करें।
२. मुलेठी के टुकड़ों को रातभर पानी में भिगोकर रखें और सुबह इसका रस निकालकर सेवन कर सकते हैं।
३. खाने के बाद मुलेठी पाउडर और सौंफ के पाउडर को पानी में घोलकर पीने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
४. मुलेठी पाउडर को नींबू के रस के साथ पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
५. मुलेठी के पाउडर को दूध में डालकर पी सकते हैं।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
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