अलसी (Flax Seeds) एक न्यूट्रिशनल पावरहाउस है। इसके स्वास्थ्य लाभ इस तथ्य से आते हैं कि यह फाइबर में उच्च है और प्लांट-आधारित प्रकार के ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक समृद्ध स्रोत है, जिसे अल्फा-लिनोलेनिक (alpha-linolenic acid) एसिड कहा जाता है। अलसी में घुलनशील और अघुलनशील फाइबर, लिग्नन्स (lignans) नामक एंटीऑक्सीडेंट फाइटोकेमिकल्स और कई अन्य विटामिन और मिनरल सहित अन्य लाभकारी पोषक तत्व पाए जाते हैं।
भुनी हुई अलसी आमतौर पर पाचन स्वास्थ्य में सुधार या कब्ज को दूर करने के लिए उपयोग की जाती है, लेकिन यह कुल रक्त कोलेस्ट्रॉल और कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (LDL, या "खराब") कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद कर सकती है, जो हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है। अलसी में आहार फाइबर और पाचन स्वास्थ्य के बीच संबंध काफी स्पष्ट है। लेकिन जब संभावित हृदय स्वास्थ्य लाभों की बात आती है, तो यह स्पष्ट नहीं होता है कि अलसी के कौन से घटक सबसे अधिक फायदेमंद हैं। यह संभव है कि सभी घटक फायदेमंद हों या वे एक साथ काम कर सकें। इस लेख में भुनी हुई अलसी के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा की गयी है।
भुनी हुई अलसी के फायदे और नुकसान - Bhuni Hui Alsi Ke Fayde Aur Nuksan In Hindi
भुनी हुई अलसी के बीज के फायदे : Bhuni Hui Alsi Ke Beej Ke Fayde In Hindi
- अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है और ये कई प्रकार की कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोक सकता है। इनमें लिगनेन एंटीऑक्सीडेंट भी होता है जो नई रक्त वाहिकाओं को बनने से रोक कर ट्यूमर के बढ़ने की गति को धीमा कर देता है।
- ज्यादा फाइबर और ओमेगा-3 खाने से ह्रदय दुरुस्त रहता है। इसमें फाइटोस्टेरोल होता है जो आंतों में कोलेस्ट्रोल को अवशोषित होने से रोकता है।
- अर्थराइटिस फाउंडेशन की मानें तो अलसी जोड़ों में दर्द और अकड़न को कम करने में मदद कर सकती है। कुछ लोग रुमेटाइड अर्थराइटिस, लुपस के लिए भी अलसी का सेवन करते हैं।
- अलसी के बीजों में अघुलनशील फाइबर भी होते हैं जो पानी में घुलते नहीं हैं और खाने के बाद पाचन मार्ग में ही रहते हैं। इस तरह यह पानी को सोख लेता है और कब्ज से राहत दिलाता है। अगर अलसी के सेवन के दौरान पानी कम पिया जाए तो कब्ज की स्थिति और खराब हो सकती है।
भुनी हुई अलसी के बीज के नुकसान : Bhuni Hui Alsi Ke Beej Ke Nuksan In Hindi
- लूज मोशंस - अगर ज्यादा मात्रा में इसका सेवन किया जाये तो यह लूज़-मोशन भी कर सकती है, अगर अलसी सही मात्रा में खाई जाए तो इससे कब्ज की समस्या दूर हो सकती है।
- आंतों में ब्लॉकेज - पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लिए बिना जरूरत से ज्यादा अलसी खाने से आंतों में ब्लॉकेज आ सकता है। जिन्हें पहले से ही इस तरह की शिकायत रही है उन्हें अलसी के बीज नहीं खाने चाहिए।
- एलर्जी - ज्यादा अलसी खाने से सांस लेने में रुकावट, लो ब्लड प्रेशर और तीव्रग्राहिता जैसे एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं। यही नहीं घबराहट, पेट में दर्द और उल्टी की शिकायत भी हो सकती है।
- अगर प्रेग्नेंट होना चाहती हैं - अलसी के बीज एस्ट्रोजन की तरह काम करते हैं और जो महिलाएं रोजाना अलसी के बीज खाती हैं उनके पीरियड साइकिल में बदलाव आ सकता है। जो महिलाएं हार्मोनल दिक्कतों जैसे कि पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, यूटरिन फायब्रॉयड्स, यूटरिन कैंसर और ओवरी कैंसर से जूझ रही हैं उन्हें अलसी को अपनी डाइट में शामिल करते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए। ज्यादा मात्रा में अलसी खाने से इन दिक्कतों की वजह से बांझपन का खतरा बढ़ सकता है।
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