आयुर्वेद में कई ऐसी चीजें हैं जो व्यक्ति को कई समस्या से दूर रखने में मदद करती है। वहीं अगर बात सितोपलादि चूर्ण (Sitopaladi Churna) की करें तो इस चूर्ण का प्रयोग खांसी, जुकाम, अस्थमा जैसी बीमारी को भगाने के लिए किया जाता है। इस चूर्ण को कई प्रकार की जुड़ी बूटियों को मिलाकर तैयार किया जाता है। इसे बनाने के लिए प्राकृतिक चीजों का ही प्रयोग किया जाता है।लेकिन जहां सितोपलादि चूर्ण के फायदे हैं वहीं कुछ नुकसान भी हैं। (sitopaladi churna ke nuksan) क्या है।
Sitopladi Churna का सेवन निम्न घटक द्रव्य का उपयोग किया जाता हैं।
1. वंशलोचन – 100 ग्राम
2. मिश्री – 200 ग्राम
3. पीपली – 50 ग्राम
4. इलाइची – 25 ग्राम
5. दालचीनी – 15 ग्राम
सितोपलादि चूर्ण के नुकसान : Sitopaladi Churna Ke Nuksan In Hindi
1 . मन खराब हो सकता है - सितोपलादि चूर्ण (Sitopaladi Churna) का अधिक मात्रा में सेवन करने से मन खराब हो सकता है और गंभीर परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए कभी भी इस चूर्ण का अधिक मात्रा में और बिना किसी तकलीफ के न खाएं तो बेहतर होगा।
2 . शुगर की बीमारी में - शरीर के रक्त शक्कर स्तर पर सितोपलादि चूर्ण से असर पड़ सकता है। इसलिए इसका सेवन मुधमेह से ग्रस्त लोग डॉक्टर की सलाह पर ही करें तो बेहतर होगा।
3 . गैस की समस्या - कई लोगों को सितोपलादि चूर्ण खाने से गैस की समस्या पेट में हो जाती है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।