तिल दो प्रकार के होते हैं, काले तिल और सफेद तिल। वैसे तो दोनों ही प्रकार के तिल सेहत के लिए अच्छे माने जाते हैं। लेकिन काले तिल (Black Sesame Seeds) को सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। ज्यादातर लोग सर्दियों के मौसम में तिल के लड्डू खाना पसंद करते हैं। इसके अलावा तिल का तेल भी सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है। काले तिल के लड्डू के सेवन से एसिडिटी, कब्ज, गैस जैसे रोगों से राहत मिलती हैं तथा पेट साफ रहता है। - काले तिल में पाया जाने वाला फोलिक एसिड गर्भवती महिलाओं के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। यह गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास में भी सहायक है।
तिल में हैं कौन से तत्व मौजूद?
तिल में पॉलीसैचुरेटेड फैटी एसिड, ओमेगा-6, फाइबर, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को कई समस्याओं से बचाने में मदद करते हैं। आज हम बात करेंगे काले तिल के लड्डू खाने से क्या-क्या फायदे होते हैं।
काले तिल के लड्डू के फायदे निम्नलिखित हैं:-
1. बच्चों के लिए फायदेमंद है काले तिल का लड्डू
जिन बच्चों को रात में पेशाब आने की समस्या है उन्हें काले तिल का लड्डू खिलाने से ये परेशानी खत्म हो जाती है। इसके अलावा लड्डू बवासीर और सूखी खांसी जैसी बीमारियों के लिए भी लाभदायक है।
2. शरीर में खून की कमी को दूर करता है काले टिल का लड्डू
काले तिल का लड्डू शरीर में खून की कमी को दूर करने में लाभदायक है। माहवारी के समय नियमित रूप से काले तिल का लड्डू खाने से सभी तरह की परेशानियों से राहत मिलती है।
3. शिशुओं की हड्डियां होंगी मजबूत
काले तिल का लड्डू के सेवन से शिशुओं की हड्डियां मजबूत होती हैं। इसमें मौजूद कैल्शियम शिशु को बढ़ने में भी मदद करता है। इसमें पाया जाने वाला फोलिक एसिड गर्भवती महिलाओं के लिए काफी लाभदायक है। यह भ्रूण के विकास एवं उसे स्वस्थ रखने में सहायक होता है। इसका सेवन बुद्धि के विकास में मदद करता है साथ ही मानसिक पीड़ा से मुक्ति भी दिलाने में मदद करता है।
4. पेट के लिए लाभकारी है
काले तिल का लड्डू पेट के लिए बहुत ही लाभकारी है। इसके सेवन से कब्ज, गैस और एसिडिटी खत्म होती है और पेट साफ रहता है। आयुर्वेद के अनुसार काले तिल का सेवन करना आपके लिए अधिक फायदेमंद माना जाता है। सफेद तिल की अपेक्षा काला तिल आयरन का बेहतर स्रोत है। इसमें फाइबर भी ज्यादा होता है इसलिए इसका सेवन और भी लाभकारी होता है। तिल ऊर्जा का भी अच्छा स्रोत है।
हमेशा ध्यान में रखें:-
यदि तिल का सेवन सीमित मात्रा में नहीं किया जाता है, तो वे रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य से नीचे गिरा सकते हैं । तिल के अत्यधिक सेवन से रक्तचाप खतरनाक रूप से निम्न स्तर तक गिर सकता है। तिल के रेशे अपेंडिक्स के ऊपर एक परत बना सकते हैं, जिससे सूजन और दर्द हो सकता है। सिमित मात्र में ही इसका सेवन करें!
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।