टाइफाइड एक बड़ी बीमारी है और ऐसा माना जाता है कि ये एक बार जिसे हो जाए उसको दोबारा इसका असर देखना पड़ता है। अब वो असर उसी समय होगा, एक साल के बाद होगा या पचास साल के बाद, कोई नहीं कह सकता है। ये बिल्कुल वैसे ही है जैसे चिकनपॉक्स होता है। इस स्थिति में इंसान के लिए परेशानी बढ़ जाती है।
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चिकनपॉक्स भी वापस आता है और टायफाइड भी। ऐसे में कई लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं तो कुछ लोग इस बात पर बहस कर रहे होते हैं कि क्या उन्हें आयुर्वेदिक दवाई लेनी चाहिए या एलोपेथिक। दोनों दवाइओं का काम आपको ठीक करना है तो आप किसी को भी लेकर खुद को ठीक कर सकते हैं।
गिलोय का इस्तेमाल करना ऐसी स्थिति में बेहद लाभकारी है। ऐसा माना जाता है कि गिलोय एक प्रकार से अमृत है और इसके इस्तेमाल से टाइफाइड के असर में राहत मिलती है। इसमें दोराय नहीं कि गिलोय के कई फायदे हैं और इस आर्टिकल में हम आपको टाइफाइड के दौरान गिलोय के इस्तेमाल के कारण होने वाले फायदों के बारे में बताने वाले हैं।
टाइफाइड में गिलोय के 3 फायदे
बुखार को कम करे
बुखार को कम करने के लिए आप गिलोय का सेवन कर सकते हैं। ऐसे कई लोग हैं जो इसका इस्तेमाल करके बुखार से तुरंत निजात प्राप्त कर लेते हैं। आप इसके लिए जूस के रूप में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर आप इसको एक लेप के तौर पर बनाकर भी उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
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कमजोरी को करे दूर
किसी भी बीमारी के बाद या उसके दौरान सबसे बड़ी परेशानी ये होती है कि आपको कमजोरी महसूस होती है। कमजोरी को दूर करने के लिए भी आप गिलोय का जूस पी सकते हैं। इससे आपको काफी लाभ होगा और आपकी सेहत भी एकदम ठीक हो जाएगी जो बेहद जरूरी है।
ठंडी के प्रभाव को रोके
टाइफाइड में इंसान को ठंडी भी लगती है और कई बार लोगों के पैर एकदम ठंडे हो जाते हैं। ऐसे में आप गिलोय का इस्तेमाल करके खुद को ठीक रख सकते हैं। अपनी सेहत को कभी भी किसी भी परेशानी में ना आने दें क्योंकि उससे सबको नुकसान ही होगा जो एक अच्छी बात नहीं है।
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