हल्दी का रोज़ाना इस्तेमाल हमारे खान-पान में होता ही है और यह हर रसोई में आसानी से पाई जाती है। यह खाने में रंग के लिए ही नहीं अपने औषधीय गुण की वजह से भी मशहूर है। हल्दी के गुणों के बारे में आप सभी जानते ही हैं, पर क्या आपने कच्ची हल्दी के बारे में सुना है? कच्ची हल्दी (Raw Turmeric) का उपयोग शरीर की कई बीमारियों और समस्याओं के लिए भी किया जाता है। यह घरेलू उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली सबसे लोकप्रिय चीज़ है। हालांकि इसके अधिक उपयोग या सेवन से समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको कच्ची हल्दी के उपयोग, फायदे और नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं। जानने के लिए आगे पढ़ें।
कच्ची हल्दी के उपयोग, फायदे और नुकसान - Kacchi Haldi Ke Upyog, Fayde Aur Nuksan In Hindi
कच्ची हल्दी का उपयोग : Uses of raw turmeric in hindi
- कच्ची हल्दी का उपयोग खाने में - सब्ज़ी के रूप में, अचार के रूप में, सूप में, डेटॉक्स ड्रिंक की तरह, दूध में उबाल कर, काढ़ा में, चटनी में, चाय आदि में किया जाता है।
- कच्ची हल्दी का उपयोग लेप, तेल या मास्क के रूप में भी किया जाता है इसका लेप बनाकर चेहरे पर ग्लो के लिए, घाव-चोट या जोड़ों के दर्द पर तेल के रूप में भी लगाया जाता है।
कच्ची हल्दी के फायदे : Advantages of raw turmeric in hindi
- कच्ची हल्दी के सेवन से इम्युनिटी को मजबूती मिलती है। इसमें मौजूद करक्यूमिन (curcumin) नामक कंपाउंड इम्युनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है, जो इम्यून सिस्टम को स्वस्थ रखने वाले टी और बी सेल की कार्यप्रणाली में सुधार करने में मददगार साबित हो सकता है।
- डायबिटीज के रोगियों के लिए यह एक वरदान है। इसमें मौजूद करक्यूमिन एंटी हाइपरग्लाइसेमिक (खून में ग्लूकोज के स्तर को कम करने वाला) प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है।
- कच्ची हल्दी में एंटी-सेप्टिक गुण व एंटी-बैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं जो अनेक बीमारियों से लड़ने में मददगार हैं।
- करक्यूमिन वजन घटाने और कैंसर के इलाज में भी मददगार है, इसलिए कच्ची हल्दी को अपने रोज़ के खान पान में ज़रूर शामिल करें।
कच्ची हल्दी के नुकसान : Disadvantages of raw turmeric in hindi
- कच्ची हल्दी का अत्यधिक सेवन किडनी स्टोन की समस्या का कारण बन सकता है। इसमें ऑक्सालेट (Oxalate) नामक यौगिक होता है जिससे यह समस्या उत्पन होती है।
- कच्ची हल्दी में मौजूद करक्यूमिन की अधिक मात्रा बालों का झड़ना, गले से जुड़े संक्रमण, जीभ का लाल होना, दिल की धड़कन तेज होना, उच्च रक्तचाप, हल्के बुखार व पेट से जुड़ी परेशानियों का कारण बन सकती है।
- कच्ची हल्दी का सेवन गर्भावस्था के दौरान नहीं करना चाहिए। इस दौरान कच्ची हल्दी के सेवन से परहेज करें।
- संवेदनशील त्वचा वालों को कच्ची हल्दी से एलर्जी की समस्या भी हो सकती है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।