FIH हॉकी विश्व कप 2023 का आयोजन ओडिशा के भुवनेश्वर-राउरकेला में किया जा रहा है। भारत समेत कुल 16 टॉप टीमें इस वर्ल्ड कप में भाग ले रही हैं। 1975 के बाद पहली बार खिताब जीतने का सपना देखने वाली भारतीय टीम में एक ऐसा खिलाड़ी भी शामिल है जिसका परिवार आज भी कच्चे मकान में रहता है और उनके पास आज भी बिजली या पानी का कनेक्शन नहीं है। लेकिन टीम इंडिया के डिफेंडर नीलम संजीप जेस की लगन और मेहनत है कि आज वो हॉकी के सबसे बड़े मंच पर देश की जर्सी पहन खेलने को तैयार हैं।
ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के कोडाबहाल गांव में 7 नवंबर 1998 को जन्में नीलम का बचपन कच्चे मकान में ही बीता है। आज भी उनका परिवार गरीबी की हालत में जी रहा है। नीलम को बचपन से ही खेलों में रुचि थी। ओडिशा के गांव के क्षेत्रों में हॉकी का खेल हमेशा से लोकप्रिय रहा है। नीलम भी बचपन में घर में भाईयों के साथ हॉकी खेलते थे। हॉकी स्टिक उपलब्ध नहीं थी इसलिए बांस से हॉकी स्टिक बनाई और गेंद के लिए फटे-पुराने कपड़ों को जोड़कर गेंद बनाई। यहीं से नीलम ने हॉकी खेलने की शुरुआत की।
एएनआई को दिए इंटरव्यू में उनके पिता ने बताया कि आज भी नीलम जब विदेशों से टूर्नामेंट खेलकर आते हैं तो इसी कच्चे मकान में रहते हैं। उन्हें किसी भी तरह की सरकारी मदद नहीं मिली है। नीलम के पिता को उम्मीद है कि शायद विश्व कप के बाद उनके परिवार को रहने के लिए सरकार की ओर से पक्का मकान मिल जाए।
नीलम ने साल 2015 और 2016 में ओडिशा को राष्ट्रीय जूनियर चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई। नीलम 2016 में बांग्लादेश में अंडर-18 एशिया कप जीतने वाली टीम के कप्तान भी रहे। नीलम ओडिशा की सीनियर टीम का हिस्सा भी हैं और पिछले साल टीम को राष्ट्रीय चैंपियनशिप में तीसरा स्थान दिलाने में कामयाबी हासिल की। अभी तक सीनियर नेशनल टीम के लिए 30 मैचों में 5 गोल कर चुके नीलम इस बार टीम को विश्व कप दिलाने का सपना लिए वर्ल्ड कप डेब्यू करेंगे।
