राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित होने वाली भारत की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी रानी रामपाल ने कहा कि पुरुषों के समान मौके मिलने से महिला हॉकी टीम के प्रदर्शन में काफी निखार आया है। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने कहा कि पुरुषों के जैसे महिला टीम को भी ज्यादा टूर्नामेंट खेलने को मिलते हैं, जिसकी वजह से पिछले एक दशक में टीम के प्रदर्शन में बेहद सुधार आया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को खेल दिवस के मौके पर वर्चुअल समारोह में रानी रामपाल को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। रानी रामपाल साड़ी के ऊपर पीपीई किट पहनकर साई केंद्र पहुंची थीं। रानी रामपाल ने कहा, 'जब मैंने हॉकी खेलना शुरू किया, उसकी तुलना में महिला हॉकी में अच्छे के लिए कई चीजें बदल गई हैं। मेरे करियर के शुरूआती समय में महिलाओं की टीम बहुत कम टूर्नामेंट खेलती थी। हम ज्यादातर कॉमनवेल्थ गेम्स या एशियाई गेम्स जैसे बड़े टूर्नामेंट में खेलते थे, लेकिन अब स्थितियां काफी बदल चुकी हैं।'
रानी रामपाल ने आगे कहा, 'हॉकी इंडिया और प्रबंधन ने यह सुनिश्चित किया कि हमें पूरे साल टूर्नामेंट खेलने को मिले, जिससे पिछले कुछ वर्षों में हमने बेहतर प्रदर्शन किया है और इससे महिला हॉकी को लोकप्रिय बनाने में भी मदद मिली।' पता हो कि रानी रामपाल से पहले धनराज पिल्लै और सरदार सिंह को ही राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
रानी रामपाल ने कहा कि खेल सही दिशा में आगे बढ़ रहा है
25 साल की रानी रामपाल ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से, जब से मेरे नाम की आधिकारिक तौर पर खेल रत्न पुरस्कार के लिए घोषणा की गई है, तब से मैं अपनी यात्रा के बारे में चर्चा कर रही हूं। इससे मुझे लगता है कि महिला हॉकी को पुरुष टीम के बराबर महत्व मिला है। रानी रामपाल ने कहा, 'एक महिला खिलाड़ी को सर्वोच्च पुरस्कार मिलना, निश्चित रूप से यह दर्शाता है कि खेल सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। मैं युवा मामलों और खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण और हॉकी इंडिया को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हमें अपनी क्षमता दिखाने के अवसर दिए और साथ ही साथ हमारे प्रयासों को मान्यता दी।'
हॉकी इंडिया के कार्यवाहक अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोबम ने सभी अवॉर्ड विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा, 'हॉकी इंडिया की ओर से, मैं रोमेश पठानिया को द्रोणाचार्य पुरस्कार, रानी रामपाल को खेल रत्न पुरस्कार जीतने के लिए, आकाशदीप और दीपिका ठाकुर को अर्जुन पुरस्कार जीतने के लिए जीतने के लिए बधाई देता हूं। मैं जूड फेलिक्स को द्रोणाचार्य पुरस्कार और अजीत सिंह को ध्यानचंद जीवन पर्यन्त उपलब्धि पुरस्कार जीतने के लिए भी बधाई देता हूं। भारत में खेल के विकास के प्रति उनका योगदान शानदार रहा है।'