CWG 2022 - रात को जब घरवाले सोते थे, तब भी वेटलिफ्टिंग की प्रैक्टिस कर मेडल के लिए तैयारी करते थे गुरदीप

गुरदीप सिंह 2018 के कॉमनवेल्थ खेलों में मेडल से चूक चौथे नंबर पर रहे थे।
गुरदीप सिंह 2018 के कॉमनवेल्थ खेलों में मेडल से चूक चौथे नंबर पर रहे थे।

26 भारतीय वेटलिफ्टर गुरदीप सिंह ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेलों में देश को वेटलिफ्टिंग में उसका 10वां मेडल दिलवाया। पुरुषों की 109+ किलोग्राम कैटेगरी में गुरदीप ने 390 किलो वजन उठाया और तीसरा स्थान हासिल करते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। गुरदीप ने बचपन में ही वेटलिफ्टर बनने की ठानी थी, और खेल का जुनून इतना था कि रात को भी प्रैक्टिस करने से नहीं चूकते थे।

पंजाब के खन्ना के माजरी रसूलड़ा गांव से गुरदीप का परिवार ताल्लुक रखता है। पिता भाग सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया कि शुरुआत में गुरदीप ने अपने गांव के ग्राउंड में ही खेल की प्रैक्टिस करनी शुरु की। गुरदीप को वेटलिफ्टिंग में बेहतर प्रदर्शन की इतनी ललक थी कि शाम को घर आकर आराम कर खाना खाने के बाद जब परिवार सोने चला जाता था, तो गुरदीप फिर मैदान जाकर प्रैक्टिस में लग जाते थे। उस दिन-रात की गई मेहनत का फल आज परिवार को कॉमनवेल्थ मेडल के रूप में गुरदीप ने दिया है।

26 साल के गुरदीप ने 15 साल की उम्र में वेटलिफ्टिंग करनी शुरु की। शुरुआत में उन्हें गांव के ही रहने वाले शुभकरणवीर ने दिशा दिखाई, जो बतौर कोच गांव के बच्चों को तैयारी करवाते थे। गुरदीप स्थानीय प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने लगे और साल 2015 में उन्हें राष्ट्रीय कैम्प का हिस्सा बनाया गया। इसी साल भारतीय रेलवे में उन्हें नौकरी भी मिल गई। साल 2017 में गुरदीप ने कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप का ब्रॉन्ज मेडल जीता।

2018 के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ खेलों में गुरदीप ने 105+ वेट कैटेगरी में भाग लिया। गुरदीप पदक से चूके और चौथे स्थान पर रहे। लेकिन गुरदीप ने इस निराशा को पीछे धकेल दिया और हैविवेट कैटैगरी में वेटलिफ्टिंग जारी रखी। साल 2021 में गुरदीप ने सीनियर कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप का ब्रॉन्ज जीता। बर्मिंघम खेलों में गुरदीप ने स्नैच में 167 किलो तो क्लीन एंड जर्क में 223 किलो का भार उठाकर जीत दर्ज की। क्लीन एंड जर्क में 207 किलो उठाने के बाद दूसरे प्रयास में गुरदीप 215 किलो वजन नहीं उठा पाए। लेकिन तीसरे प्रयास में उन्होंने वजन बढ़ाकर 223 किलो कर दिया। ये भारी भरकम वजन उन्होंने सफलता से उठा लिया।

गुरदीप के मेडल के बाद उनके परिवार में जश्न का सिलसिला लगातार चल रहा है। उनकी बहन मनबीर कौर के मुताबिक भाई ने राखी का गिफ्ट 10 दिन पहले ही उन्हें दे दिया है।

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Edited by निशांत द्रविड़