देश को ओलंपिक मेडल और विश्व चैंपियनशिप में पदक दिला चुके बड़े-बड़े पहलवान रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी WFI के खिलाफ दिल्ली में धरने पर बैठ गए हैं। बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट जैसे पहलवानों ने WFI के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी की ओर से सांसद बृजभूषण शरण सिंह समेत फेडरेशन के कई लोगों पर महिला पहलवानों के यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया।
यह पहला मौका है जब देश के इतने नामचीन पहलवान एक साथ एक मु्द्दे पर आवाज उठाने के लिए इस प्रकार विरोध जता रहे हों। दो बार विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकी विनेश फोगाट ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि न सिर्फ जी WFI अध्यक्ष महिला खिलाड़ियों का शोषण करते हैं बल्कि पहलवानों के निजी जीवन में दखलअंदाजी भी करते हैं।
विनेश के अलावा 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकी साक्षी मलिक ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष के संबंध में शुरुआत से ही कई प्रकरण उन्हें कई महिला खिलाड़ियों ने बताए हैं। साक्षी मलिक ने बताया कि पहलवानों के ट्रायल लखनऊ में करवाए जाते हैं क्योंकि वहां अध्यक्ष का अपना निजी आवास है। ओलंपिक मेडल विजेता बजरंग पुनिया ने भी आरोप लगाया कि रेसलिंग फेडरेशन के सारे आधिकारिक काम कार्यालय से होने की बजाय अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के निजी आवास पर किए जाते हैं।
पहलवानों ने रेसलिंग फेडरेशन पर मानसिक रूप से परेशान करने का भी आरोप लगाया। विनेश फोगाट के मुताबिक उन्हें जान से मारने की धमकी तक दी गई है। विनेश ने बताया कि टोक्यो ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन न कर पाने के बाद न सिर्फ देश वापस आकर उनपर झूठे आरोप लगाकर निलंबन की कार्रवाई की गई बल्कि बृजभूषण शरण सिंह ने उन्हें 'खोटा सिक्का' कहकर उनका मनोबल तोड़ा था। अन्य पहलवानों ने भी बताया कि ट्रायल से लेकर सेलेक्शन तक के लिए कई बार पहलवानों को फेडरेशन के आला-अधिकारियों के आगे हाथ जोड़ने पड़ते हैं।
इन सभी आरोपों के बाद बृजभूषण शरण सिंह को मीडिया ने घेर लिया। उन्होंने सभी आरोपों को सिरे से झुठलाया है और इस पूरे प्रकरण को साजिश करार दिया है। फिलहाल पहलवानों ने साफ किया है कि जब तक फेडरेशन में मौजूदा अध्यक्ष को हटाया नहीं जाता, वह किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं लेंगे। फिलहाल इस मामले में दिल्ली महिला आयोग ने खेल मंत्रालय को नोटिस जारी करने की बात कही है।
