ब्रॉक लैसनर (Brock Lesnar) काफी समय से WWE के सबसे सफल और लोकप्रिय सुपरस्टार्स में से एक बने रहे हैं। 2004 में WWE छोड़ने के बाद UFC वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन बने, इसलिए 2012 में विंस मैकमैहन (Vince Mcmahon) के प्रोमोशन में वापसी से पहले वो एक जानी-मानी स्पोर्ट्स पर्सनालिटी बन चुके थे।
लैसनर आज इतने बड़े प्रो रेसलिंग स्टार बन चुके हैं कि उनके खिलाफ एक अच्छा मैच किसी भी उभरते हुए रेसलर को बहुत बड़ा सुपरस्टार बना सकता है। वो अपने करियर में कई दिग्गज और युवा रेसलर्स के खिलाफ रिंग में उतर चुके हैं, लेकिन भारतीय फैंस के मन में ये सवाल जरूर आता होगा कि आज तक लैसनर का मैच किसी भारतीय सुपरस्टार से क्यों नहीं हुआ।
द ग्रेट खली (The ग्रेट Khali) और जिंदर महल (Jinder Mahal) WWE चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर चुके हैं, फिर भी उनका कभी द बीस्ट से सामना नहीं हुआ। इस आर्टिकल में हम उन 3 कारणों के बारे में आपको बताएंगे कि क्यों आज तक लैसनर के साथ किसी भारतीय सुपरस्टार का मैच नहीं हुआ है।
#) भारतीय WWE सुपरस्टार्स की स्टार वैल्यू अन्य टॉप स्टार्स की तुलना में कम है
ब्रॉक लैसनर पिछले कई सालों से एक पार्ट-टाइम रेसलर होने के चलते आलोचनाओं में घिरे रहे हैं। लेकिन विंस मैकमैहन भी जानते हैं कि लैसनर की स्टार वैल्यू हमेशा से WWE को फायदा पहुंचाती आई है। वो साल में 3 या 4 ही मैच लड़ते हैं, फिर भी फैंस उनकी वापसी का बेसब्री से इंतज़ार करते रहते हैं।
2012 में वापसी के बाद उनके अधिकतर मैच उन सुपरस्टार्स से हुए हैं, जिनकी स्टार वैल्यू भी उन्हीं के समान है। एक तरफ द ग्रेट खली रहे, जो 2012 में लैसनर की वापसी तक एक जॉबर की भूमिका निभाने लगे थे। वहीं जिंदर महल मौजूदा समय में WWE में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्य सुपरस्टार हैं।
भारत में चाहे महल को कितना भी पसंद क्यों ना किया जाता हो, लेकिन अमेरिकी फैनबेस उन्हें हमेशा बू करता आया है। चूंकि WWE के अधिकतर शोज़ का आयोजन अमेरिका में होता है, इसलिए जब तक महल को अमेरिकी फैंस का साथ नहीं मिलेगा, तब तक उनकी स्टार वैल्यू नहीं बढ़ेगी और लैसनर के साथ मैच केवल एक सपना ही बनकर रह जाएगा।
#) भारतीय WWE सुपरस्टार्स को इन रिंग स्किल्स में सुधार की जरूरत
ब्रॉक लैसनर के मैच काफी तेज पेस के साथ आगे बढ़ते हैं क्योंकि उनका फाइटिंग स्टाइल बहुत आक्रामक है। वहीं भारतीय WWE सुपरस्टार्स की बात की जाए तो उनके मैचों का पेस बहुत धीमा होता है। उदाहरण के तौर पर जिंदर महल काफी फिट होते हुए भी रिंग में तेजी से मूव नहीं कर पाते।
वहीं खली भी काफी लंबे होने के कारण तेजी से मूव कर पाने में असमर्थ दिखाई पड़ते थे। इसलिए आने वाले सालों में लैसनर के खिलाफ मैच के लिए भारतीय प्रो रेसलर्स को अपनी इन रिंग स्किल्स में सुधार की बहुत जरूरत है।
#) भारतीय WWE सुपरस्टार्स प्रोमो वर्क में लगातार मात खाते रहेंगे
WWE या किसी अन्य प्रो रेसलिंग प्रोमोशन में प्रोमो वर्क किसी सुपरस्टार के कैरेक्टर को दिलचस्प बनाने में अहम भूमिका निभाता है। हालांकि ब्रॉक लैसनर की प्रोमो स्किल्स कुछ खास अच्छी नहीं हैं, इसलिए WWE करियर की शुरुआत से ही पॉल हेमन उनके एडवोकेट बने रहे हैं।
पॉल हेमन के स्तर की माइक स्किल्स वाले लोग WWE में बहुत कम हैं। वहीं भारत के प्रो रेसलर्स का प्रोमो वर्क कभी ज्यादा अच्छा नहीं रहा है, इसलिए लैसनर के साथ एक टॉप लेवल की स्टोरीलाइन में भारतीय सुपरस्टार्स प्रोमो वर्क में लगातार मात खाते हुए नजर आएंगे।