रैसलमेनिया 35 से तुरंत पहले आख़िरी रॉ और स्मैकडाउन को अच्छी कहें या बुरी, क्योंकि अब फर्क नहीं पड़ता। इस हफ्ते रॉ और स्मैकडाउन का स्तर औसत से भी कमजोर रहा है। क्या ऐसा कहना सही है कि रैसलमेनिया 35 से पूर्व WWE कोई चांस नहीं लेना चाहती। एक बड़ी गलती और महीनों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
WWE यह भी नहीं चाहती कि मुख्य सुपरस्टार्स को सबसे बड़े शो से पहले चोटिल होना पड़े। हालांकि कुछ चीजें अच्छी भी हुईं लेकिन अधिकतर चीजें, रैसलमेनिया की दृष्टि से बुरी ही साबित हुई हैं। आइये इस आर्टिकल में नजर डालते हैं इस स्मैकडाउन की सबसे अच्छी और बुरी बातें।
1) पूरी फॉर्म में हैं कोफ़ी किंग्सटन : अच्छा
इस बात को जाहिर होने में पूरी स्मैकडाउन बीत गयी कि कुछ दिन बाद रैसलमेनिया भी होनी है। कोफ़ी किंग्सटन और डेनियल ब्रायन आमने सामने आए और क्राउड द्वारा मिल रही प्रतिक्रियाएँ एक देखने योग्य लम्हा रहा।
दर्शकों में इतना जोश था कि एक बार के लिए मेरे रोंगटे खड़े हो गए। ऐसा किसी साप्ताहिक शो में बहुत कम ही देखने को मिलता है।
डेनियल ब्रायन ने कोफ़ी किंग्सटन की खुद से तुलना की कि वो भी इस दौर से गुजरे हैं जिससे कोफ़ी अब गुजर रहे हैं। येस! मूवमेंट तो आपको याद ही होगी न। कोफ़ी किंग्सटन ने भी बेहद ही अच्छे तरीके से एक बेबीफेस सुपरस्टार की भूमिका निभाई और डेनियल ब्रायन के घुमावदार सवालों का जवाब भी दिया।
1) सैनिटी को दिखाया गया नीचा: बुरा
रैसलमेनिया 35 में शेन मैकमैहन और मिज के बीच मुक़ाबला होना है, लेकिन इन दोनों के बीच फ्यूड में जैसे सेनिटी का कत्ल कर दिया गया हो। मिज को हैंडीकैप्ड मैच में सैनिटी की पूरी टीम का सामना करना पड़ा।
शेन मैकमैहन ने बीच में दखल दिया और इस मैच को फॉल्स काउंट एनीवेयर मैच करार दिया। मिज को ताकतवर दिखाने के चक्कर में एक बेहतरीन टीम को लगातार नीचा दिखाया गया।
आपको याद दिला दें कि कोफ़ी किंग्सटन को भी कुछ सप्ताह पहले 'द बार' के खिलाफ हार मिली थी। फिर भी वो कंपनी के सबसे बड़े बेबीफेस सुपरस्टार बने हैं। शायद ही सैनिटी इस खराब दौर से कभी उबर पाएगी।
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2) समोआ जो का किरदार पकड़ रहा रफ़्तार
समोआ जो यूनाइटेड स्टेट्स चैंपियन हैं, परन्तु उनके लिए रैसलमेनिया स्टोरीलाइन बहुत ही कमजोर रही है। पहले रे मिस्टीरियो के खिलाफ हार और फिर कर्ट एंगल के खिलाफ हार।
लेकिन इस सप्ताह स्मैकडाउन में उनका सामना अली से हुआ। यह जैसे अली के लिए एक सुनहरा मौका था अपनी स्किल्स को दुनिया के सामने रखने का। समोआ जो ने भी अली को नीचा दिखाने की कोई कोशिश नहीं की।
ये समोआ जो की बेहतरीन स्किल्स हैं कि वो अपने प्रतिद्वंद्वी को सम्मान कि नजरों से देखते हैं। इस मैच में अली का भी फायदा हुआ और समोआ जो को रैसलमेनिया से पहले एक जीत भी नसीब हुई।
2) असुका के दौर का पतन
कुछ दिन पहले जो सुपरस्टार स्मैकडाउन विमेंस चैंपियन थीं। उसका किरदार एक ही महीने में इस कदर निचले स्तर पर पहुँच जाएगा, ऐसा किसी ने नहीं सोचा था।
उन्हें 18-पर्सन टैग टीम मैच में लड़ता देख, किसी बेहतरीन टैलेंट के साथ हो रहे शोषण की बात याद आती है। पूर्व चैंपियन को ऐसे बवंडर में फंसा दिया गया है, जहाँ से इस बेहतरीन एथलीट का बाहर निकलना नामुमकिन सा प्रतीत हो रहा है।
3) KO शो : अच्छा
स्मैकडाउन की शुरुआत ही एक ऐसे अंदाज में हुई, जिससे नजर हटाने का मन नहीं कर रहा था। रैंडी ऑर्टन और एजे स्टाइल्स, 'केविन ओवेन्स शो' पर मेहमान बनकर बाहर आए।
सबसे अच्छी बात यह रही कि जब ऑर्टन और स्टाइल्स के बीच स्थिति बिगड़ती हुई नजर आई, केविन ओवेन्स ने अपना रास्ता नाप लिया और चुपचाप रिंग छोड़ कर चले गए। इसके बाद दो दिग्गजों के बीच हाथापाई भी हुई, जिससे बचना ही केविन ओवेन्स का प्लान रहा।
3) 'द आइकॉनिक्स' का प्रोमो: बुरा
मैं यह नहीं कहना चाहता कि मुझे इन दो सुपरस्टार्स से नफरत है। क्योंकि इन्हें अपना किरदार पसंद है और बिली के और पेटन रॉयस अपना काम बखूबी निभाती हैं। उन्हें रिंग में मैच तो मिल नहीं रहे, बल्कि ऐसे बकवास प्रोमो का हिस्सा बना दिया जाता है, जिससे ज्यादा की हकदार हैं ये दो सुपरस्टार।
ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि ये प्रोमो ना ही हुआ होता, तो बेहतर होता। क्योंकि ये ना तो आपको पसंद आया और ना हमें।