# केन वैलासकेज़ के पंच- बुरा
दुनिया भर से रोज सोशल मीडिया पर इस बात बहस छिड़ी होती है कि प्रोफेशनल रेसलिंग के मूव्स पूरी तरह असली नहीं होते और केन वैलासकेज़-शेल्टन बेंजामिन के सैगमेंट ने यह साबित भी कर दिया है।
चाहे वैलासकेज़ ट्रेनिंग ले रहे हैं और कुछ प्रो रेसलिंग फाइट्स लड़ भी चुके हैं लेकिन उन्हें अभी इतना अनुभव नहीं हुआ है कि वो किसी पीपीवी में वर्ल्ड टाइटल के लिए चैलेंज कर सकें। वो किसी नौसिखिये की तरह पंच लगा रहे थे।
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# सैथ रॉलिंस बनाम कारिलो- अच्छा
मैच के बाद कारिलो ने एक प्रोमो दिया था जिससे साफ पता चलता है कि वो अंग्रेजी भाषा में ज्यादा अच्छे नहीं हैं। इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि कारिलो और रॉलिंस के बीच बेहतरीन फाइट लड़ी गई और उन्होंने दर्शा दिया है कि वो बड़े स्टार बनने के पूरे हक़दार हैं।
वो कहते हैं ना, कभी-कभी हार भी जीत से ज्यादा मायने रखती है और कारिलो के साथ यही हुआ है। मुकाबले को देखकर ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि इनके बीच आने वाले समय में और भी मैच जरुर होने चाहिएं।