दुनिया की 333वीं नंबर की बैडमिंटन खिलाड़ी से हारीं विश्व नंबर 1 और वर्ल्ड चैंपियन यामागूची

18 साल की बिल्किस के बैडमिंटन करियर की यह सबसे बड़ी जीत है।
18 साल की बिल्किस के बैडमिंटन करियर की यह सबसे बड़ी जीत है।

24 साल की अकाने यामागूची मौजूदा समय में विश्व की नंबर 1 बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और बैडमिंटन कोर्ट पर सबसे खतरनाक मानी जाती हैं। लेकिन मौजूदा विश्व चैंपियन जापान की यामागूची को उबर कप में विश्व की 333वीं नंबर की 18 साल की इंडोनिशियाई खिलाड़ी बिल्किस ने मात देकर पूरे बैडमिंटन जगत को चौंका दिया है।

उबर कप के ग्रुप ए में जापान और इंडोनिशिया की टीमों के बीच हुई भिड़ंत से ग्रुप स्टेज का विजेता तय होना था। इस बार महिला टीम विश्व चैंपियनशिप के नाम से मशहूर उबर कप में इंडोनिशिया ने काफी नई टीम भेजी जिसमें उभरते हुए खिलाड़ी थे। जापान की मजबूत टीम ने ये मुकाबला 4-1 से जीत लिया लेकिन ये इकलौता मुकाबला जो जापान ने गंवाया, वह अकाने यामागूची की हार का मैच था जहां 18 साल की बिल्किस प्रसिस्ता ने यामागूची को सीधे सेटों में 21-19, 21-19 से हराया।

यामागूची की हार के कारण जापान की टीम इंडोनिशिया के खिलाफ क्लीन स्वीप नहीं कर पाई।
यामागूची की हार के कारण जापान की टीम इंडोनिशिया के खिलाफ क्लीन स्वीप नहीं कर पाई।

पिछले साल ही सीनियर लेवल पर प्रोफेशनल रूप से खेलने उतरीं बिल्किस ने कुछ ही हफ्तों पहले ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप जीतने वाली यामागूची के खिलाफ बेहद संयम से अपना गेम खेला। पहले सेट में एक समय दोनों खिलाड़ी 19-19 से बराबरी पर थीं, लेकिन बिल्किस ने दो प्वाइंट लगातार जीते। दूसरे सेट में भी एक समय यामागूची 12-6 से आगे थीं, लेकिन बिल्किस ने इस सेट में भी सधा खेल दिखाते हुए 21-19 से सेट और मैच अपने नाम कर लिया।

बिल्किस एक बैडमिंटन परिवार से आती हैं और उनके पिता जोको सुप्रियांतो खुद अपने समय में दुनिया के टॉप पुरुष खिलाड़ियों में गिने जाते थे जबकि मां जेलिन रेसियाना महिला डबल्स खिलाड़ी रही हैं। बिल्किस के पिता ने साल 1992 और 1995 में बैडमिंटन विश्व कप का सिंगल्स गोल्ड जीता था तो साल 1993 में विश्व चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। थॉमस कप में बिल्किस के पिता 3 बार गोल्ड जीतने वाली इंडोनिशियाई टीम का हिस्सा रहे और ऐसे में बिल्किस बचपन से ही बैडमिंटन विजेता पिता की छाया में खेल सीखती आ रहीं हैं।

Edited by Prashant Kumar