वर्ल्ड कप क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट होता है। हर 4 साल में इसका आयोजन होता है जिसे जीतना हर क्रिकेटर का सपना होता है। इसे जीतने के लिए हर देश जी-जान से खेलता है। अभी तक वर्ल्ड कप का आयोजन 11 बार हो चुका है। वहीं अगले साल 2019 में इस टूर्नामेंट के 12वें सीजन का आयोजन होने वाला है। अभी तक के वर्ल्ड कप में 20 देशों ने हिस्सा लिया है, जिनमें 5 देश इस कप को अपने घर ले जा चुके हैं।
क्रिकेट में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम को दुनिया की सर्वश्रेठ टीम माना जाता है। ऐसे में 4 साल के इंतजार के बाद होने वाले इस टूर्नामेंट के लिए पूरी दुनिया के फैंस और सभी क्रिकेटर्स काफी एक्साइटेड रहते हैं। वहीं विश्व कप के दौरान फाइनल में खिलाड़ियों पर काफी दबाव देखा जाता है और गेंदबाजी के लिहाज से भी प्रदर्शन काफी अहम हो जाता है.
ऐसे में यहां जानिए ऐसे 11 गेंदबाजों के बारे में जिन्होंने 11 वर्ल्ड कप के सीजन में आखिरी गेंद डाली है।
#1 1975 वर्ल्ड कप- वैनबर्न होल्डर, वेस्टइंडीज
1975 का वर्ल्ड कप 60 ओवर फॉर्मेट में खेला गया था, जिसमें 8 टीमों ने हिस्सा लिया था। इस वर्ल्ड कप का फाइनल लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था। फाइनल में पहले वेस्टइंडीज ने बल्लेबाजी करते हुए 291/8 का स्कोर बनाया था।
इस मैच में 292 रनों का लक्ष्य का पीछा करने मैदान में उतरी ऑस्ट्रेलिया की टीम के आखिरी बल्लेलाबज जे. थॉमसन का विकेट 59वें ओवर में होल्डर ने रन आउट करते हुए ले लिया था। इस वर्ल्ड कप फाइनल में ये होल्डर की आखिरी गेंद थी, जिसने वेस्टइंडीज को 17 रनों से जीत दिलाई थी।
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#2 1979 वर्ल्ड कप- कोलिन क्रोफ्ट, वेस्टइंडीज
1979 में हुए दूसरे वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज और इंग्लैड की टीम ने फाइनल में जगह बनाई। लॉर्ड्स में हुए इस मैच में वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 60 ओवर में 286/9 का स्कोर खड़ा कर दिया था। इसके बाद इंग्लैंड ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए मैच शुरू किया लेकिन वेस्टइंडीज की आक्रामक गेंदबाजी ने पूरा मैच ही पलट दिया।
शानदार शुरुआत करते हुए इंग्लैंड ने जहां 2 विकेट पर 183 रन स्कोर कर लिए थे तो वहीं 194 रन होते-होते इंग्लैंड की टीम आल आउट हो गई। वेस्टइंडीज ने 11 रन देते हुए इंग्लैड के आखिरी 8 विकेट झटके और वर्ल्ड कप भी जीत लिया था। मैच की आखिरी गेंद पर कोलिन क्रोफ्ट ने इंग्लैंड के 11वें बल्लेबाज एम हैन्रिक को स्टंप करा दिया था।
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#3 1983 वर्ल्ड कप- मोहिंदर अमरनाथ, भारत
1983 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत ने इंग्लैंड को हराते हुए फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली थी। वहीं दूसरे सेमीफाइनल में पाकिस्तान को दो बार के चैंपियन वेस्टइंडीज ने हराते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया था। भारत और वेस्टइंडीज के बीच हुए इस वर्ल्ड कप फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 182 रन स्कोर किए।
60 ओवर में दो बार के विश्व चैंपियन वेस्टइंडीज के लिए 183 रनों के लक्ष्य का पीछा करना कोई बड़ी बात नहीं थी, लेकिन कपिल देव और मोहिंदर अमरनाथ ने अपने प्रदर्शन से पूरा खेल पलट दिया। 52वें ओवर में भारत के मोहिंद अमरनाथ ने वेस्टइंडीज के 11वें नंबर के बल्लेबाज माइकल होल्डिंग को आउट कर पहली बार भारत को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया था।
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#4 1987 वर्ल्ड कप- क्रेग मैकडरमॉट, ऑस्ट्रेलिया
1987 का वर्ल्ड कप पहली बार इंग्लैंड के बाहर हो रहा था। इसे भारत और पाकिस्तान ने होस्ट किया था। इस वर्ल्ड की टॉप चार टीमें ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत और पाकिस्तान थे। 1987 वर्ल्ड कप का फाइनल ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेल गया था। फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 253/ 5 स्कोर बना दिया था।
254 के लक्ष्य का पीछा करने मैदान में उतरी इंग्लैंड की टीम के लिए लक्ष्य उस वक्त थोड़ा मुश्किल हो गया जब कप्तान माइक गेटिंग का विकेट गिर गया। 1987 वर्ल्ड कप की आखिरी गेंद पर ऑस्ट्रेलिया के क्रेग मैकडरमॉट ने गेंदबाजी की थी। फाइनल जीतकर ऑस्ट्रेलिया पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनकर सामने आया था। फाइनल कोलकाता के ईडन गार्डन में खेला गया था।
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#5 1992 वर्ल्ड कप- इमरान खान, पाकिस्तान
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में हुए इस वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका ने अपनी जगह बनाई थी। बाद में पाकिस्तान और इंग्लैंड फाइनल तक पहुंचे थे। इमरान खान की 72 रन की शानदार पारी की मदद से पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने 50 ओवर में 249/6 का स्कोर बना दिया था।
250 रनों के लक्ष्य का पीछा करने मैदान में उतरी इंग्लैंड की टीम ने काफी शानदार तरीके से इस मैच की शुरुआत की थी और टारगेट के करीब पहुंच गई थी लेकिन इंग्लैंड को जब मैच जीतने के लिए 22 रनों की जरूरत थी तब इमरान खान ने शानदार गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड के 11वें बल्लेजबाज इलिंगवर्थ का विकेट लिया और पाकिस्तान को पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बना दिया था।
#6 1996 वर्ल्ड कप- ग्लेन मैक्ग्रा, ऑस्ट्रेलिया
1996 में हुए वर्ल्ड कप को भारत, पाकिस्तन और श्रीलंका ने मिलकर होस्ट किया था। इस वर्ल्ड कप के फाइनल में श्रीलंका और ऑस्ट्रिलिया ने अपनी जगह बनाई थी। इस वर्ल्ड कप की टॉप आठ टीमें थीं- इंग्लैंड, श्रीलंका, साउथ अफ्रीका, इंडिया, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड। इस टूर्नामेंट में केन्या, यूएई और नीदरलैंड ने भी पहली बार हिस्सा लिया था।
फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 241/7 का स्कोर बना दिया था। इसके बाद श्रीलंका पहली बार वर्ल्ड कप जीतने के लिए मैदान में उतरी। पहले गेंदबाजी और फिर शानदार बल्लेबाजी की मदद से इस वर्ल्ड कप को श्रीलंका ने अपने नाम कर लिया था। इस मैच की आखिरी गेंद ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्ग्रा ने डाली थी।
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#7 1999 वर्ल्ड कप- सकलैन मुश्ताक, पाकिस्तान
1999 का वर्ल्ड कप लगभग तीन सालों के गैप के बाद हुआ था जिसे यूके और नीदरलैंड ने होस्ट किया था। इस बार स्कॉटलैंड और बांग्लादेश ने वर्ल्ड कप डेब्यू किया था लेकिन अगले राउंड तक जाने में असफल रहे थे। इस वर्ल्ड कप की सुपर 6 टीमों की बात करें तो ये पाकिस्तन, ऑस्ट्रेलिया, जिम्बाब्वे, भारत, न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका थीं।
जिम्बाब्वे और भारत को छोड़कर बाकी चारों टीमों ने सेमीफाइनल में अपनी जगह बना ली थी। वर्ल्ड कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच मुकाबला हुआ। ये मैच ऑस्ट्रेलिया ने 21वें ओवर की पहली गेंद पर बेहद आसानी से जीत लिया था। ये गेंद पाकिस्तान के सकलैन मुश्ताक ने डाली थी। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बन गई थी।
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#8 2003 वर्ल्ड कप- ग्लेन मैक्ग्रा, ऑस्ट्रेलिया
ये पहला वर्ल्ड कप था जिसका आयोजन अफ्रीका में किया गया था। इस वर्ल्ड कप को साउथ अफ्रीका, केन्या और जिम्बाब्वे ने मिलकर होस्ट किया था। इस टूर्नामेंट में काफी समय बाद भारत ने शानदार प्रदर्शन के जरिए फाइनल में जगह बना ली। फाइनल में भारत का मुकाबला दो बार के विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से हुआ।
ऑस्ट्रलिया ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए वर्ल्ड कप की फाइनल इनिंग्स का सबसे बड़ा लक्ष्य (360) भारत के सामने रख दिया। इतने बड़े लक्ष्य को भारत हासिल नहीं कर पाया और एक बार फिर से ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड चैंपियन बन गया था। मैच की आखिरी गेंद की बात करें तो ये ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्ग्रा ने डाली थी। इस गेंद पर ग्लैन ने अपना तीसरा विकेट लेते हुए मैच समेट दिया था।
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#9 2007 वर्ल्ड कप- एंड्रयू सायमंड्स, ऑस्ट्रेलिया
2007 में पहली बार वेस्टइंडीज ने वर्ल्ड कप होस्ट किया था। इस वर्ल्ड कप में बरमुडा और आयरलैंड ने अपना डेब्यू किया। 16 टीमों के साथ ये क्रिकेट के इतिहास का सबसे बडा वर्ल्ड कप था। इस टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान पहले ही राउंड में बाहर हो गए थे। इस वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने सेमीफाइनल में अपनी जगह बना ली थी। 1996 वर्ल्ड कप की तरह एक बार फिर से फाइनल में ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका आमने-सामने थे।
पहले बल्लेबाजी करते हुए 38 ओवर में ऑस्ट्रेलिया ने 281/4 स्कोर हासिल कर लिया था। इस लक्ष्य का पीछा करने मैदान में उतरी श्रीलंका की टीम 53 रन से हार गई थी। आखिरी गेंद एंड्रयू सायमंड्स ने डाली थी और तीसरी बार ऑस्ट्रेलिया विश्व चैंपियन बन गई थी।
#10 2011 वर्ल्ड कप- नुवान कुलशेखरा, श्रीलंका
2011 वर्ल्ड कप में 14 टीमों ने हिस्सा लिया था। इस टूर्नामेंट को भारत के साथ श्रीलंका और बांग्लादेश ने मिलकर होस्ट किया था। इस वर्ल्ड कप का फाइनल श्रीलंका और भारत के बीच हुआ था। पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने 274 रन बना डाले। भारत ने शानदार पर्दर्शन करते हुए इस लक्ष्य को हासिल कर लिया था और दूसरी बाद वर्ल्ड चैंपियन बन गया था।
इस मैच में युवराज सिंह, गौतम गंभीर, विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी ने काफी जबरदस्त प्रदर्शन किया था। आखिरी गेंद श्रीलंका के नुवान कुलशेखरा ने डाली थी, जिस पर पूर्व कप्तान एम एस धोनी ने छक्का मारते हुए भारत को जीत दिलाई थी। इस वर्ल्ड कप में 12 साल तक लगातार विश्व चैंपियन रहे ऑस्ट्रेलिया के विजय रथ को भी रोक दिया गया था।
#11 2015 वर्ल्ड कप- मैट हेनरी
2015 वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच ही खेला गया था। इस टूर्नामेंट में अफगानिस्तान क्रिकेट टीम ने डेब्यू किया था। इतना ही नहीं अफगानिस्तान ने अपना पहले वर्ल्ड कप मैच स्कॉलैंड से खेला और जीता भी। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने भारत और साउथ अफ्रीका को हराते हुए फाइनल में जहग बना ली थी।
ऑस्ट्रेलिया ने पहले गेंदबाजी करते हुए न्यूजीलैंड को 183 रनों पर ऑलआउट कर दिया था। इसके बाद 184 रनों के लक्ष्य को महज 34 ओवर में ऑस्ट्रेलिया ने आसानी से हासिल कर लिया था। इस मैच में आखिरी गेंद की मैट हेनरी ने स्टीव स्मिथ को डाली थी। मैच के 34वें ओवर की पहली गेंद पर चौका मारकर ऑस्ट्रेलिया को जीत दिला दी थी।
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लेखक: विनय छाबरिया
अनुवादक: हिमांशु कोठारी