भारतीय टीम का न्यूजीलैंड दौरा हाल ही में समाप्त हुआ। भारत ने जहां टी20 सीरीज में 5-0 से न्यूजीलैंड का सफाया किया, तो दूसरी तरफ न्यूजीलैंड ने जबदस्त वापसी करते हुए वनडे और टेस्ट सीरीज में भारत का स्कोर 3-0 और 2-0 से सफाया करते हुए टी20 सीरीज में मिली हार का बदला लिया।
टेस्ट सीरीज में भारत का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा और कुछ खिलाड़ियों ने बहुत ज्यादा निराश किया। भारत के कप्तान विराट कोहली ने जहां सीरीज की 4 पारियों में सिर्फ 38 रन बनाए, लेकिन उनके फ्लॉप होने पर किसी भी खिलाड़ी ने जिम्मेदारी नहीं उठाई। इसी वजह से टीम का लचर प्रदर्शन देखने को मिला।
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भारत को हाल में अब कोई टेस्ट सीरीज नहीं खेलनी है, लेकिन समय आ गया है कि कुछ मुश्किल फैसले लेते हुए युवा खिलाड़ियों को मौका देने का।
इस आर्टिकल में हम उन तीन खिलाड़ियों के बारे में बात करेंगे जिन्हें टेस्ट टीम से बाहर कर दिया जाना चाहिए:
#) पृथ्वी शॉ
भारत ने टेस्ट से पहले वनडे सीरीज में पृथ्वी शॉ को तीनों मुकाबलों में मौका दिया था। टीम मैनेजमेंट ने यह उम्मीद लगाई थी कि टेस्ट सीरीज से पहले वो वहां के हालातों में खुद को ढ़ाल लेंगे। हालांकि ऐसा नहीं हुआ और वो पूरी तरह से नाकाम रहे।
पृथ्वी शॉ ने खेले दोनों टेस्ट मैचों की चार पारियों में एक अर्धशतक की मदद से सिर्फ 98 रन ही बनाए। हालांकि शॉ के रन से ज्यादा महत्वपूर्ण बात उनके आउट होने का तरीका रहा। शॉ ने अपनी गलतियों से बिल्कुल भी सबक नहीं लिया और एक तरीके से कई बार आउट हुए। उनके खेलने के अंदाज से एक बात साफ हो गई कि जहां गेंद स्विंग या सीम होगी, वहां वो संघर्ष करते हुए ही नजर आएंगे। इसी वजह से अपने खेल में सुधार लाने के लिए उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया जाना चाहिए।
#) ऋषभ पंत
भारत ने दोनों टेस्ट मैचों में पहले तो ऋभ पंत को मौका देकर सभी को हैरान किया। सबसे ज्यादा हैरानी इसलिए भी हुई क्योंकि पिछली दो टेस्ट सीरीज में पंत की जगह ऋद्धिमान साहा विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी निभा रहे थे। इसके अलावा पंत को टी20 और वनडे सीरीज में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था। पंत के ऊपर पहले से काफी दबाव था और वो इस सीरीज में बल्ले और कीपिंग के साथ फ्लॉप ही रहे।
पंत ने बल्ले के साथ जहां 4 पारियों में सिर्फ 60 रन ही बनाए और इस बीच उन्होंने कई गेंदों को भी छोड़ा। पंत कभी भी सेट नजर नहीं आए और जिस अंदाज में वो आउट हुए, उसे देखकर साफ कहा जा सकता है कि उन्होंने अपनी गलितयों से कुछ नहीं सीखा है। अब उन्हें काफी मौके दिए जा चुके हैं और अब समय आ गया है कि उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया जाना चाहिए।
#) अजिंक्य रहाणे
भारतीय कप्तान विराट कोहली से जब रन नहीं बन रहे थे, तो सभी को उम्मीद थी कि टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे आगे आकर टीम को संभालते हुए अच्छा प्रदर्शन करेंगे। हालांकि इतना अनुभव होने के बाद भी रहाणे ने काफी निराश किया है। रहाणे को हमेशा इसलिए भी तरजीह दी जाती है, क्योंकि विदेशों में उनका रिकॉर्ड काफी अच्छा है। गौर करने वाली बात यह है कि उन्होंने 2013-14 में किए गए विदेशी दौरों में अच्छा किया और उसके बाद से घर के बाहर हमेशा ही उनसे ज्यादा उम्मीद लगाए जाने लगी। यह उनका न्यूजीलैंड का दूसरा दौरा है, तो निश्चित ही उनसे उम्मीद भी ज्यादा थी।
रहाणे ने 4 पारियों में 91 रन बनाए। इस बीच उनके खेलने का तरीका सवालों के घेरा में रहा, क्योंकि उनके खेल में इंटेंट की कमी देखने को मिली। इस बात का जिक्र खुद विराट कोहली ने बिना नाम लिए पहले टेस्ट के बाद किया था। हैरानी तो दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में रहाणे की बल्लेबाजी को देखकर हुई। न्यूजीलैंड ने उनके खिलाफ शॉर्ट गेंदों से अटैक करने का प्लान बनाया और इसके बाद रहाणे ने जिस तरह से बल्लेबाजी की, शायद यह उनके करियर की सबसे बेकार पारियों में से एक थी। अंत में रहाणे ने बेहद खराब शॉट खेलते हुए अपना विकेट गंवा दिया और टीम को संकट में ही छोड़ गए।
अजिंक्य रहाणे को काफी मौके दिए जा चुके हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन जिस तरह का रहा उसे देखते हुए अब उन्हें बाहर करके किसी युवा खिलाड़ी को मौका दिए जाने की जरूरत है।