भारतीय क्रिकेट टीम पिछले कुछ समय से क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में शानदार प्रदर्शन करती आ रही है। मैदान में खेल के दौरान हर क्षेत्र में भारतीय टीम का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा है, फिर चाहे वह बल्लेबाजी हो, गेंदबाजी हो या फिर क्षेत्ररक्षण हो। यही कारण है कि फिलहाल अपनी जमीन पर तो भारतीय टीम को हराना विरोधी टीमों के लिए नामुमकिन सा होता जा रहा है।
हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के साथ समाप्त हुई टेस्ट सीरीज इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। दुनिया में बेहद मजबूत टीमों में गिनी जाने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम भी भारत के आगे घुटने टेकते नजर आई। इस सीरीज में भारत ने बेहद लाजवाब प्रदर्शन किया। हालांकि सीरीज के दौरान कुछ ऐसे खिलाड़ियों का उदय हुआ, जो शायद टेस्ट टीम से अपनी जगह लगभग खो चुके थे। जिनमें सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन प्रमुख हैं।
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वहीं साथ ही मयंक अग्रवाल जैसा शानदार ओपनर भी भारतीय टीम को मिला लेकिन आज हम ऐसे तीन खिलाड़ियों के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने दक्षिण अफ्रीकी टीम के साथ खत्म हुई सीरीज के साथ ही यह भी साबित कर दिया है, कि अब उन्हें लंबे समय तक टीम से बाहर नहीं किया जाएगा, भले ही टीम में कितने ही बदलाव हों।
जानिए कौन हैं वो तीन दिग्गज खिलाड़ी :-
#1 रोहित शर्मा
भारतीय टीम के सबसे अनुभवी और सबसे सफल ओपनर बल्लेबाज रोहित शर्मा के लिए यह टेस्ट सीरीज एक परीक्षा की तरह थी और वह इस परीक्षा में अव्वल रहे। बतौर ओपनर अपनी पहली टेस्ट सीरीज खेल रहे रोहित शर्मा ने ना केवल सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन किया, बल्कि सबसे ज्यादा रन बनाकर मैन ऑफ द सीरीज का खिताब भी अपने नाम किया।
लंबे समय से टेस्ट टीम से बाहर चल रहे रोहित शर्मा ने इस सीरीज के पहले ही मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दोनों पारियों में लगातार दो शतक जड़े। यही नहीं बतौर ओपनर अपनी चौथी ही पारी में रोहित शर्मा ने दोहरा शतक भी जड़ डाला। उन्होंने तीन टेस्ट मैचों की इस सीरीज में सबसे ज्यादा 529 रन बनाए थे। जिसमें दो शतक और एक शतक शामिल था।
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#2 रविचंद्रन अश्विन
भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज स्पिन गेंदबाजों में शुमार रविचंद्रन अश्विन को वेस्टइंडीज के खिलाफ हाल ही में संपन्न हुई टेस्ट सीरीज के दौरान भारत की प्लेइनंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया था और इस फैसले ने सभी को हैरान किया था, क्योंकि वेस्टइंडीज के खिलाफ उनका प्रदर्शन बेहद शानदार रहा है।
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हालांकि उन्हें इसके बाद जैसे ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मौका मिला, तो उन्होंने अपने आप को साबित करके दिखा दिया। रविचंद्रन अश्विन ने सीरीज में 15 विकेट चटकाए और वह तीन मैचों की सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उन्होंने अपने इस प्रदर्शन से यह साबित कर दिया है कि अब भारतीय टेस्ट टीम में उनकी जगह लंबे समय के लिए पक्की हो चुकी है।
#3 मयंक अग्रवाल
भारतीय टेस्ट टीम के पास कई बेहतरीन सलामी बल्लेबाज रहे हैं, जिनमें एक समय पर गौतम गंभीर-वीरेंदर सहवाग की जोड़ी सबसे हिट थी। वहीं उसके बाद शिखर धवन, मुरली विजय जैसे खिलाड़ी भी टीम को मिले। हालांकि पिछले कुछ समय से शिखर धवन और मुरली विजय जैसे शानदार खिलाड़ी भी अपनी फॉर्म से संघर्ष करते दिखे। ऐसे में टीम में केएल राहुल, मयंक अग्रवाल, हनुमा विहारी और पृथ्वी शॉ जैसे खिलाड़ियों को मौका मिला।
हालांकि केवल मयंक अग्रवाल ने ही एक बेहतरीन ओपनर के रूप में अपने आप को साबित किया। उन्होंने इस सीरीज में एक शतक और एक दोहरा शतक लगाया। यही नहीं केवल सात टेस्ट मैचों में ही उनका औसत 55 से ज्यादा का है। मयंक अग्रवाल ने तीन टेस्ट मैचों की इस सीरीज में 340 रन बनाए। उनके इस शानदार प्रदर्शन को देखकर यह कहा जा सकता है कि लंबे समय तक भारतीय टेस्ट टीम में बतौर ओपनर उनका स्थान पक्का हो गया है।