Ben Stokes Frustrated on Jadeja And Sundar After Manchester Test Draw: भारतीय टीम ने मैनचेस्टर टेस्ट को उस मोड़ से ड्रॉ करवाया जहां शायद 90 प्रतिशत से ज्यादा उसके हारने के आसार नजर आ रहे थे। पहले केएल राहुल और शुभमन गिल की शानदार पारियां। उसके बाद रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर के नाबाद शतकों की बदौलत भारत ने जीत को इंग्लैंड के जबड़े से छीनते हुए मुकाबले को ड्रॉ करवा दिया। मैच के अंतिम क्षणों में काफी ड्रामा भी देखने को मिला। जिसकी झुंझलाहट फैंस का मानना था कि इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने जडेजा और सुंदर से हाथ नहीं मिलाते हुए निकाली है। हालांकि, बाद में एक वीडियो ऐसा आया जिसमें पता चला कि स्टोक्स जडेजा और सुंदर से पहले ही हाथ मिला चुके थे।क्या था पूरा बवाल?दरअसल मुकाबला जब अपने अंतिम क्षणों में पहुंच गया था और दिन के सिर्फ 15 ओवर बाकी थे, उस वक्त इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स ने मांग करते हुए जडेजा की तरफ अप्रोच किया कि हाथ मिला लें। आपको बता दें कि अक्सर ऐसे मौकों पर दोनों टीमों की आपसी सहमति से मैच को टाइम से पहले ड्रॉ घोषित कर दिया जाता है। मगर जडेजा और सुंदर दोनों अपनी शानदार पारियों के बाद शतक के नजदीक थे। ऐसे में उन्होंने इशारों में साफतौर पर ऐसा कहा होगा कि यह उनका निर्णय नहीं है। ऐसा करना सिर्फ कप्तान और कोच की मर्जी है। वहीं ड्रेसिंग रूम में बैठे शुभमन गिल की तरफ से ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया था।पहला वीडियोदूसरा वीडियोबेन स्टोक्स फैसले से हुए नाखुशबेन स्टोक्स इस वाकये से काफी झल्ला गए और उन्हें यह फैसला रास भी नहीं आया। वह इस पूरे वाकये के वक्त भी काफी नाखुश दिखे थे। उसके बाद हैंडशेक के दौरान भी वह और जडेजा आपस में इस मामले पर कुछ बात करते दिखे। मैच के बाद भी स्टोक्स ने इस पूरे मामले पर कहा कि वह उन दोनों के शतकों के लिए अपने मेन बॉलर्स की फिटनेस पर खतरा नहीं मोल सकते थे। फिलहाल इंग्लैंड के कई दिग्गजों ने इस मामले पर भारत का साथ दिया है। स्टुअर्ट ब्रॉड ने भी कहा कि भारतीय खिलाड़ियों का ऐसा करने का फैसला बिल्कुल ठीक था। संजय मांजरेकर बोले की स्टोक्स ने बिल्कुल 'Spoilled Kid' (खिसियंटे बच्चे) की तरह बिहैव किया।भारत को मिला पूर्व इंग्लिश कप्तान का साथइंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने इस पूरे मामले में भारतीय टीम का सपोर्ट किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम का पारी के अंत तक वहां खेलने का पूरा हक था। ऐसे में रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर का ड्रॉ का निर्णय अस्वीकार करना कुछ गलत नहीं था। भले ही लोग इस पर खेल भावना का काफी ज्ञान बांटने आएंगे।मगर अगर ऐसा ही था तो पिछले दोनों मौकों पर जब ऋषभ पंत चोटिल थे बार-बार लॉर्ड्स में उनके हाथ को टार्गेट करना और फिर मैनचेस्टर में उनके पैर को टार्गेट करना स्टोक्स की कितनी खेल भावना को दर्शाता है। इतना ही नहीं मैनचेस्टर टेस्ट के चौथे दिन वो भी जल्दी पारी घोषित कर सकते थे मगर भारतीय टीम ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा। जबकि एजबेस्टन में जब शुभमन गिल ने पारी देरी से घोषित की तो वहां भी लगातार उन्हें पोक किया जा रहा था। इस मामले पर मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में गौतम गंभीर ने भी इंग्लैंड टीम को मुंहतोड़ जवाब देते हुए मीडिया के सवालों का उत्तर दिया।