महेंद्र सिंह धोनी विश्व के सबसे बड़े फिनिशर और एक बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाज हैं जो कि अकेले 4 अलग-अलग खिलाड़ियों की भूमिका निभाते आए हैं। हार्ड-हिटर, फिनिशर, विकेटकीपर और सबसे महत्वपूर्ण बात की धोनी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी रह चुके हैं।
उन्होंने खुद को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वनडे बल्लेबाज और एक खतरनाक फिनिशर के रूप में स्थापित किया, और 2007 के टी-20 विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम की कप्तानी की। धोनी जबसे भारतीय टीम में आए हैं उन्होंने लगातार इतना अच्छा प्रदर्शन किया कि उनके विकल्प तलाशने की कोई जरूरत ही नहीं पड़ी, किसी अन्य विकेटकीपर को तभी मौका मिल पाता, जब धोनी फिट नहीं रहते थे या उन्हें आराम की जरूरत पड़ती थी।
ऐसे में यहां उन 5 अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण भारतीय विकेटकीपर्स पर एक नजर डालते हैं जो शायद गलत युग में पैदा हुए और धोनी के कारण उन्हें टीम से बाहर रहना पड़ा।
#1 ऋद्धिमान साहा
अपने अद्भुत रिफ्लेक्सेज और विकेटकीपिंग कौशल के लिए विशेषज्ञों ने साहा की काफी सराहना की। शायद उनकी बल्लेबाजी उनका कमजोर पक्ष रहा, फिर भी उनका करियर तुलनात्मक रूप से अपने साथी विकेटकीपर से काफी अच्छा रहा।
2014 के आईपीएल में वे ड्रीम फॉर्म में थे और साहा ने फाइनल में किंग्स इलेवन पंजाब के लिए शानदार शतक लगाया था, आईपीएल फाइनल में शतक लगाने वाले वे पहले भारतीय खिलाड़ी बने। दिसंबर 2014 में जब एमएस धोनी ऑस्ट्रेलियाई दौरे के बाद से टेस्ट क्रिकेट से रिटायर हो गए तब साहा को उनकी भूमिका सौंपी गई। तब से वे भारतीय टेस्ट टीम में लगातार बरकार रहे है और काफी अच्छा योगदान दिया पर दुर्भाग्यपूर्ण वे चोट के कारण 2018 में टीम से बाहर हैं।
वनडे डेब्यू: 2010 बनाम न्यूजीलैंड, मैच: 09, रन: 41
टेस्ट डेब्यू : 2010 बनाम दक्षिण अफ्रीका, मैच: 32, रन: 1164, शतक: 3
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