Gautam Gambhir lauds Mitchell Starc: कोलकाता नाइट राइडर्स के मेंटर गौतम गंभीर ने टूर्नामेंट में आखिरी चरण में मिचेल स्टार्क द्वारा किये जबरदस्त प्रदर्शन की सराहना की, जिसकी बदौलत फ्रेंचाइजी ने अपना तीसरा टाइटल जीतने में कामयाबी हासिल की। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ क्वालीफायर 1 मैच में 34 रन देकर 3 विकेट हासिल किये थे और फाइनल में 14 रन देकर 2 विकेट झटके थे। इन दोनों मैचों में स्टार्क ने नई गेंद के साथ उम्दा गेंदबाजी की और इन्फॉर्म बल्लेबाज ट्रैविस हेड और अभिषेक शर्मा को सस्ते में पवेलियन भेजा था।
आईपीएल 2024 से पहले हुए ऑक्शन में जब केकेआर ने स्टार्क को 24.75 करोड़ में खरीदा था, तब सभी की नजरें उनके प्रदर्शन पर टिकी थीं। पहले दो मैचों में स्टार्क की खूब पिटाई हुई थी, जिसके बाद फैंस ने केकेआर को स्टार्क पर इतनी मोटी रकम खर्च करने के लिए ट्रोल भी किया था।
हालांकि, गंभीर ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत के दौरान कहा कि फ्रेंचाइजी को स्टार्क की क्षमता पर भरोसा था और उन्हें पूरा यकीन था कि उनके जैसा बड़ा खिलाड़ी बड़े मैचों में अच्छा परफॉर्म करेगा।
गौतम गंभीर ने मिचेल स्टार्क को बताया X फैक्टर
स्पोर्ट्सकीड़ा से खास बातचीत के दौरान गंभीर ने कहा, 'हमें इस बात में कोई संदेह नहीं था कि स्टार्क टूर्नामेंट में हमारे लिए एक्स-फैक्टर बनेंगे। हम हमेशा से जानते थे कि वह एक्स-फैक्टर हैं और सही समय पर वह बनेंगे। मेरा मतलब है, आईपीएल में और कौन से बड़े मैच हो सकते हैं? यह क्वालीफायर 1 और फाइनल था। इसलिए मैं कहता हूं कि बड़े खिलाड़ी ऐसे मौकों का इंतजार करते हैं, वे ऐसे मौकों पर खूब फलते-फूलते हैं। पैसा बेमतलब है। स्टार्क टीम में क्या लाते हैं, यह ज्यादा महत्वपूर्ण है।'
फाइनल मुकाबले में मिचेल स्टार्क ने अभिषेक शर्मा को जादुई गेंद पर बोल्ड करते हुए पवेलियन की राह दिखाई थी। बातचीत के दौरान गंभीर ने इस गेंद के संदर्भ में बात करते हुए कहा, 'आप इस तरह की गेंदबाज़ी की उम्मीद करते हैं। जब आप इस तरह के खिलाड़ियों को लाते हैं, तो वे तब आगे आते हैं जब आपको उनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है। केकेआर को क्वालीफ़ायर 1 और फ़ाइनल में मिचेल स्टार्क की ज़रूरत थी और उन्होंने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए अच्छा प्रदर्शन किया। मुझे नहीं पता कि मुझे यह कहना चाहिए कि या नहीं लेकिन यह एक ऐसी गेंद थी जिसे खेला नहीं जा सकता था, क्योंकि हमें सिखाया गया था कि ऐसी कोई भी गेंद नहीं होती जो खेलने लायक नहीं होती है, लेकिन यह निश्चित रूप से खेलने लायक नहीं थी।'