इंडिया ए और वेस्टइंडीज ए के बीच हाल ही में खेली गई एकदिवसीय मैचों की सीरीज में भारत के उभरते हुए खिलाड़ी शुभमन गिल ने काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया था। जिसके बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि 3 अगस्त से वेस्टइंडीज के दौरे पर जाने वाली भारतीय टीम के दस्ते में उन्हें भी शामिल किया जाएगा। जहां उन्हें टी20, वनडे या फिर टेस्ट टीम में से किसी में तो मौका जरूर मिलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
भारतीय टीम की चयन समिति के इस फैसले ने सभी को हैरान किया है, यहां तक कि शुभमन गिल को वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय टीम के तीनों प्रारूप में से किसी एक में भी न चुने जाने पर कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने भी ऐतराज जताया है। हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब भारतीय टीम में खिलाड़ियों के चयन में ऐसी गड़बड़ी सामने आई हो।
इससे पहले भी कई उदाहरण हमारे सामने आए हैं, जिनमें से कुछ तो अभी हाल ही के हैं, जिन्होंने भारतीय टीम पर भी काफी असर डाला है। चयन में हुई इसी गड़बड़ी के कारण ही भारत की मैच जीतने की क्षमता पर भी असर पड़ा है। आज हम आपको हाल ही में हुए खिलाड़ियों के ऐसे ही तीन विवादत चयन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने न केवल भारतीय टीम पर बुरा प्रभाव डाला है, बल्कि प्रशंसकों को भी काफी निराश किया है।
जानिए उन तीन विवादित चयन के बारे में:
#3 अंबाती रायडू की जगह विजय शंकर का चयन
विश्वकप और उससे पहले भी भारतीय टीम को नंबर 4 पर बल्लेबाजी की समस्या से जूझते हुए देखा गया है। वहीं विश्वकप के लिए जब 15 सदस्यों वाली टीम के खिलाड़ियों का चयन हुआ, तो चयनकर्ताओं के फैसले ने सभी को हैरान कर दिया। क्योंकि मध्यक्रम में बल्लेबाजी के लिए चयनकर्ताओं ने अनुभवी अंबाती रायडू को बैठाकर नए खिलाड़ी विजय शंकर को मौका दिया।
इस खिलाड़ी के चयन ने सभी कौ हैरान किया। जबकि चयन समिति ने विजय शंकर के चयन को लेकर कहा कि वह तीन आयामी खिलाड़ी हैं, जबकि अंबाती रायडू केवल बल्लेबाजी करने में ही सक्षम हैं। जिसके बाद रायडू ने ट्वीट कर नाराजगी जताई। वहीं बीच विश्वकप में जब विजय शंकर चोटिल हुए, तो भी राडयू की जगह ऋषभ पंत जैसे युवा क्रिकेटर को मौका दिया गया।
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विश्वकप से पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि विजय शंकर टूर्नामेंट में गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में ही बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उनके चयन ने सभी को निराश किया और काफी हद तक इसका खामियाजा टीम को भी भुगतना पड़ा और सेमीफाइनल में टीम की मध्य क्रम की बल्लेबाजी की समस्या उभरकर सामने आई और टीम विश्वकप से बाहर हो गई। यही नहीं इस फैसले निराश राडयू ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा भी कह दिया। उन्होंने अपने करियर में मात्र 55 वनडे मैच ही खेले।
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#2 दिनेश कार्तिक का चयन और ऋषभ पंत बाहर
विश्वकप 2019 में भारत की शुरुआत बेहद शानदार थी, लेकिन किसी ने भी सेमीफाइनल में भारत से इतने बुरे प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की होगी। क्योंकि टीम में ऐसे खिलाड़ियों को जगह दी गई थी, जिनके पास अनुभव तो ज्यादा था लेकिन उनका प्रदर्शन शानदार नहीं था।
इसका एक उदाहरण है, विश्वकप के लिए टीम का चयन करते समय ऋषभ पंत की जगह दिनेश कार्तिक को तरजीह देना। दिनेश कार्तिक जो कि आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स की कप्तानी करते हुए नजर आए थे। वहीं सीमित ओवर क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले पंत को मौका ही नहीं दिया गया।
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हालांकि बीच टूर्नामेंट में जब ज्यादातर खिलाड़ी चोटिल हुए, तो पंत को मध्यक्रम में बल्लेबाजी के लिए इंग्लैंड बुलाया गया। पंत ने विश्वकप में कुछ मैचों में ही अच्छा प्रदर्शन किया। जबकि दिनेश कार्तिक को विश्वकप में दो अहम मैचों में मौका मिला, जिसमें से एक सेमीफाइनल मुकाबला था। लेकिन कार्तिक का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। टीम के खिलाड़ियों की चयन की समस्या इस अवसर पर एक बार फिर से उभरकर सामने आई, जिसने भारतीय टीम को प्रभावित किया।
#1 मनीष पांडे अंदर और शुभमन गिल बाहर
चयन में गड़बड़ी का ताजा मामला वेस्टइंडीज दौरे पर जाने वाली भारतीय टीम के साथ भी देखने को मिला है। जब इंडिया ए और वेस्टइंडीज ए सीरीज के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले शुभमन गिल को बाहर कर दिया गया और उनकी जगह मनीष पांडे को टीम में शामिल कर लिया गया। जबकि टीम के चयन से पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि वेस्टइंडीज के दौरे पर जाने वाली भारतीय टीम के टी20, वनडे या फिर टेस्ट में से किसी एक दस्ते में शुभमन गिल को जगह दी जाएगी।
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प्रदर्शन की बात करें, गिल ने हाल ही में इंडिया की ओर से खेलते हुए सीरीज में 55.50 की औसत से सबसे ज्यादा 218 रन बनाए थे। जबकि मनीष पांडेय ने 40.50 की औसत से 162 रन ही बनाए थे। जबकि पांडे ने गिल से एक मैच ज्यादा खेला था। गिल को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द सीरीज खिताब भी दिया गया।