एमएस धोनी का रन आउट
विश्व कप 2019 अब इतिहास बन चुका है लेकिन भारतीय प्रशंसकों समेत अन्य देशों के लोग भी इस बात को नहीं भूल पाएंगे कि धोनी न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में रनआउट हो गए थे और शायद यही वजह भी रही कि भारत यह मैच हार गया और टूर्नामेंट से बाहर हो गया। एक समय पर जब भारत का स्कोर 92 रन पर 6 विकेट हो गया था, तो उसके बाद रविंद्र जडेजा और धोनी ने मिलकर 100 से भी ज्यादा रनों की साझेदारी की और टीम को जीत के करीब ले गए लेकिन मार्टिन गप्टिल के थ्रो ने धोनी को अहम मौके पर रनआउट कर दिया।
‘बैट ऑफ गॉड’ का मामला
विश्व कप 2019 के दौरान हमें कई रोमांचक मुकाबले देखने को मिले लेकिन सबसे रोमांचक मुकाबला टूर्नामेंट का फाइनल मैच था, जहां न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच पहले मैच टाई हुआ और उसके बाद दोनों के बीच सुपर ओवर भी टाई हो गया और आईसीसी के नियम के मुताबिक अपनी पारी में सबसे ज्यादा बाउंड्री लगाने वाली टीम विश्व विजेता बन गई।
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हालांकि इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच जो मैच टाई हुआ था, वह शायद न होता, अगर इंग्लैंड को "बैट ऑफ गॉड" न मिला होता। दरअसल जब इंग्लैंड न्यूजीलैंड के स्कोर का पीछा कर रहा था, उस दौरान बेन स्टोक्स बल्लेबाजी कर रहे थे। वह ट्रेंट बोल्ट के अंतिम ओवर में एक यॉर्कर गेंद पर मिड विकेट की तरफ प्रहार करके रनिंग के लिए दौड़े, वह उस एक रन को दो रन में तब्दील करना चाहते थे।
हालांकि गेंद धोनी को रनआउट करने वाले मार्टिन गप्टिल के हाथों में थी, फिर भी स्टोक्स ने रिस्क लिया और दूसरा रन लेने के लिए भागे। जब गप्टिल ने गेंद विकेट की तफ फेंकी, तो वह कीपर के हाथ में न आकर बेन स्टोक्स के बल्ले में लग गई और इस तरह से इंग्लैंड को एक अतिरिक्त बाउंड्री मिल गई, जो कि न्यूजीलैंड के लिए हार का सबसे बड़ा कारण बन गया। इस "बैट ऑफ गॉड" को शायद ही न्यूजीलैंड विश्व कप क्रिकेट टीम के खिलाड़ी कभी भूल सकें।