केरल ने बंगाल को पेनेल्टी शूटआउट में हराते हुए सांतवीं बार जीता संतोष ट्रॉफी खिताब

केरल ने 2017-18 सीजन में भी बंगाल को हराकर ही संतोष ट्रॉफी जीती थी।
केरल ने 2017-18 सीजन में भी बंगाल को हराकर ही संतोष ट्रॉफी जीती थी।

मेजबान केरल की टीम ने सांतवी बार प्रतिष्ठित संतोष ट्रॉफी यानी सीनियर नेशनल फुटबॉल चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर लिया है। केरल ने बंगाल जैसी मजबूत टीम को पेनेल्टी शूटआउट में 5-4 से मात देते हुए जीत दर्ज की।

केरल की टीम ने पिछली बार 2017-18 का सीजन अपने नाम किया था और तब भी उसने बंगाल को ही मात दी थी। इस बार फाइनल में 27 हजार दर्शकों की स्टेडियम में मौजूदगी ने केरल की टीम को जबरदस्त मनोबल दिया। 32 बार की विजेता बंगाल की टीम इस बार फाइनल में जीत के काफी करीब पहुंच गई थी जब 97वें मिनट में दिलीप ओराव्न ने गोल दागते हुए बंगाल को 1-0 से आगे कर दिया।

केरल के निराश दर्शक इसके बाद अपनी टीम की हार तय मान चुके थे और काफी गुस्से में प्रतिक्रिया दे रहे थे, कुछ मिनटों बाद ही केरल के लिए पीएन नूफाल ने गोल कर मैच को 1-1 से बराबरी पर रोका और पेनेल्टी शूटआउट के लिए बंगाल को मजबूर कर दिया। शूटआउट में केरल ने 5-4 से जीत दर्ज की। साल 1993 के बाद पहली बार केरल ने अपने घर में ये खिताब जीता है।

जीत के बाद मेजबान केरल की टीम ने स्टेडियम में मौजूद हजारों दर्शकों का अभिवादन किया।
जीत के बाद मेजबान केरल की टीम ने स्टेडियम में मौजूद हजारों दर्शकों का अभिवादन किया।

केरल की जीत के बाद हजारों दर्शक खुशी से झूम उठे और सैकड़ों दर्शक मैदान पर घुस आए। फुटबॉल के प्रति दर्शकों का ये रुख भारत में देखने लायक था।

संतोष ट्रॉफी की शुरुआत साल 1941 में हुई थी जिसका आयोजन इंडियन फुटबॉल असोसिएशन के द्वारा किया जाता था। साल 1996 में नेशनल फुटबॉल लीग की शुरुआत से पहले संतोष ट्रॉफी देश की सबसे बड़ी फुटबॉल प्रतियोगिता थी। हर साल 37 टीमों के बीच ये प्रतियोगिता खेली जाती है जिसमें क्षेत्रीय फुटबॉल संघों की टीमें भाग लेती हैं। ये टीमें पांच जोन में बंटी होती हैं और क्वालीफाइंग राउंड के बाद नॉकआउट दौर में पहुंचती हैं।