South Asian Football Federation यानी SAFF फुटबॉल चैंपियनशिप के इस साल होने वाले संस्करण में सामान्य रूप से भाग लेने वाले दक्षिण एशियाई देशों के अलावा नए नाम भी शामिल हो सकते हैं। खबरों के मुताबिक SAFF के आयोजकों की ओर से इस बार सऊदी अरब और मलेशिया के फुटबॉल संघों को आधिकारिक रूप से आमंत्रित किया गया है और उनकी अंडर-23 टीमों को इस सीनियर फुटबॉल टू्र्नामेंट में आने का न्योता दिया गया है। इस साल प्रतियोगिता का आयोजन बेंगलुरु में 21 जून से 3 जुलाई के बीच होना है।
लोकप्रियता के लिए कदम
माना जा रहा है कि दक्षिण एशियाई देशों - भारत, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देशों के केवल भाग लेने से ही टूर्नामेंट की लोकप्रियता को बढ़ाने में मदद नहीं मिलेगी, ऐसे में इस प्रतियोगिता का दायरा बढ़ाने की जरूरत है। अफगानिस्तान ने साल 2005 में SAFF का हिस्सा बनने का फैसला लिया, लेकिन 2015 में मध्य एशियाई फुटबॉल एसोसिएशन में शामिल हो गया।
फीफा की रैंकिंग में इन सभी देशों में से भारत टॉप पर है लेकिन वह भी 106ठें स्थान पर है। ऐसे में SAFF चैंपियनशिप को अंतरराष्ट्रीय स्तर या फिर मौजूदा हालात में केवल एशियाई स्तर पर भी लोकप्रिय करना हो तो सऊदी अरब जैसी बड़ी टीमों को लाना होगा। हालांकि यदि सऊदी अरब और मलेशिया अपनी टीमें भेजते भी हैं तो भी वह इन देशों की मुख्य टीम नहीं बल्कि अंडर-23 टीमें होंगी। पिछले साल ही भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने भी पैरवी की थी कि SAFF चैंपियनशिप में भारत की अंडर-23 टीम को भेजा जाना चाहिए। फिलहाल सऊदी अरब या मलेशिया ने टूर्नामेंट में भाग लेने के संबंध में कुछ भी नहीं कहा है।
भारत ने जीते हैं सर्वाधिक खिताब
SAFF चैंपियनशिप का आयोजन साल 1993 में पहली बार हुआ था। भारत ने 1993, 1997, 1999, 2005, 2009, 2011, 2015 और 2021 में हुए संस्करण को जीता। श्रीलंका ने 1995, बांग्लादेश ने साल 2003, मालदीव ने 2008 और 2018, जबकि अफगानिस्तान ने साल 2013 में इस खिताब को जीता।
