बाईचुंग भूटिया या कल्याण चौबे, कौन बनेगा भारतीय फुटबॉल का नया अध्यक्ष?

बाईचुंग भूटिया (बाएं) पूर्व भारतीय कप्तान हैं जबकि कल्याण (दाएं) गोलकीपर रह चुके हैं।
बाईचुंग भूटिया (बाएं) पूर्व भारतीय कप्तान हैं जबकि कल्याण (दाएं) गोलकीपर रह चुके हैं

इस शुक्रवार को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ यानी AIFF की जनरल बॉडी की मीटिंग में नए अध्यक्ष के लिए चुनाव किया जाएगा। इस चुनाव से पहले अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फीफा के बैन के कारण जिल्लत झेल चुके भारतीय फुटबॉल को एक काबिल नेता की तलाश है और उनके पास विकल्प के रूप में पूर्व भारतीय फुटबॉल कप्तान बाईचुंग भूटिया और पूर्व फुटबॉलर कल्याण चौबे हैं, जो बतौर गोलकीपर मोहन बगान और ईस्ट बंगाल जैसे क्लबों का हिस्सा रह चुके हैं।

इस साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने AIFF की कार्यकारिणी को भंग कर देश में फुटबॉल की देखरेख का जिम्मा 3 सदस्यीय कमेटी को सौंपा था जिसे CoA (Committee of Administrators) कहा गया। फीफा ने इस पर आपत्ति जताई थी। जब CoA ने AIFF के प्रशासन के लिए चुनाव की रूपरेखा शेयर की तो फीफा को तीसरी पार्टी की फुटबॉल में दखलंदाजी पसंद नहीं आई और 14 अगस्त को देर रात फीफा ने AIFF को सस्पेंड कर दिया। 11 दिन की जद्दोजहद के बाद ये बैन हटा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अपील के बाद CoA को खत्म कर दिया और चुनाव की घोषणा भी हो गई।

अब सभी की नजर 2 सितंबर को होने वाले चुनाव पर है। साल 2019 में AFC Hall of Fame में शामिल होने वाले भूटिया भारतीय फुटबॉल को नई पहचान दिलाने वाले खिलाड़ी हैं। सुनील छेत्री के बाद देश के लिए सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच भूटिया के नाम हैं। यही नहीं भूटिया ने यूनाईटेड सिक्किम क्लब के फाउंडर की भूमिका भी निभाई है। भूटिया लगातार देश की फुटबॉल एसोसिएशन से समर्थन मांग रहे हैं। लेकिन चौबे रेस में काफी मजबूत दिख रहे हैं और उन्हे देश के बड़े राज्यों के फुटबॉल संघों का समर्थन बताया जा रहा है।

अध्यक्ष पद के अलावा उपाध्यक्ष और ट्रेजरार पद के लिए भी साथ ही चुनाव होगा। इसके अलावा एक्जक्यूटिव कमेटी के सदस्यों का चुनाव भी होना है। कर्नाटक फुटबॉल संघ के अध्यक्ष एनए हैरिस और राजस्थान फुटबॉल संघ के मानवेंद्र सिंह AIFF के उपाध्यक्ष पद के लिए आमने-सामने हैं। ट्रेजरार के पद के लिए अरुणाचल के किपा अजय का निर्विरोध चुना जाना तय है। इस चुनाव में केवल देश के राज्यों की फुटबॉल असोसिएशन के सदस्य भाग ले पाएंगे। प्रफुल्ल पटेल 13 सालों से AIFF के अध्यक्ष बने बैठे थे। ऐसे में ये चुनाव देश की फुटबॉल को नई दिशा दे सकते हैं।