मलेरिया (Malaria) की शिकायत ज्यादातर बारिश के मौसम में देखने को मिलती है। क्योंकि बारिश का पानी अधिक दिनों तक जमा होने की वजह से पानी गंदा हो जाता है और उसमें मच्छर जन्म लेने लगते हैं। बता दें कि मलेरिया मच्छर के काटने से होने वाली एक गंभीर बीमारी है। मलेरिया की बीमारी होने पर बुखार, सिर दर्द, कमजोरी, ठंड लगने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, इस बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह काफी गंभीर समस्या पैदा कर सकती है। लेकिन अगर किसी को मलेरिया की शिकायत है, तो इन आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर इस बीमारी से छुटकारा पा सकता है। आइए जानते हैं मलेरिया का क्या-क्या आयुर्वेदिक उपचार है।
मलेरिया का 6 आयुर्वेदिक उपचार
1- नीम (Neem) की पत्तियां औषधीय गुणों से भरपूर होती है, इसलिए अगर मलेरिया की शिकायत होने पर आप नीम की पत्तियों से बने काढ़े का सेवन करते हैं, तो इससे मलेरिया की बीमारी में काफी आराम मिलता है।
2- गिलोय (Giloy) भी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, इसका सेवन मलेरिया की बीमारी में काफी फायदेमंद माना जाता है। इसके लिए गिलोय से बने काढ़े का सेवन करना चाहिए। गिलोय के काढ़े का सेवन करने से मलेरिया की बीमारी से जल्द छुटकारा मिलता है।
3- अदरक (Ginger) में प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुण होते हैं, इसलिए मलेरिया की बीमारी होने पर अदरक का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। इसके लिए अदरक के टुकड़े में 2 किशमिश डालकर पानी में उबाल लेना चाहिए, फिर उसका सेवन करना चाहिए।
4- दालचीनी (cinnamon) एक मसाला है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है। दालचीनी का सेवन मलेरिया की शिकायत होने पर काफी फायदेमंद माना जाता है। इसके लिए दालचीनी और शहद का सेवन कर सकते हैं।
5- तुलसी (Tulsi) के पत्ते भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं, इसलिए तुलसी के पत्तों के काढ़े का सेवन मलेरिया की बीमारी में काफी लाभदायक साबित होता है। तुलसी के काढ़े का सेवन करने से मलेरिया की बीमारी से छुटकारा मिलता है।
6- मलेरिया की शिकायत होने पर प्याज के रस का सेवन काफी लाभदायक साबित होता है। इसके लिए प्याज के रस में काली मिर्च पाउडर मिलाकर सेवन करना चाहिए, इस मिश्रण के सेवन से मलेरिया की बीमारी से जल्द छुटकारा मिल जाता है।
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