सितोपलादि चूर्ण (Sitopaladi Churna) का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। सितोपलादि चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधी है, इसका सेवन सर्दी-खांसी, बुखार जैसी कई बीमारियों में लाभदायक साबित होता है। क्योंकि सितोपलादि चूर्ण में एंटी बैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाये जाते हैं। इसका सेवन छोटे बच्चों से लेकर बड़े तक सभी कर सकते हैं। सितोपलादि चूर्ण बाजार में तो मिलता ही है, लेकिन अगर आप चाहे तो इस चूर्ण को घर में भी तैयार कर सकते हैं। जी हां सितोपलादि चूर्ण मिश्री, वंशलोचन, पिपली, दालचीनी और इलायची को मिलाकर बनाया जाता है। इन सभी चीजों के पाउडर को मिलाकर सितोपलादि चूर्ण आसानी से बनाया जा सकता है। लेकिन सितोपलादि चूर्ण का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए, क्योंकि अधिक सेवन से स्वास्थ्य को फायदा से ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है। आइए जानते हैं सितोपलादि चूर्ण खाने के क्या-क्या फायदे और नुकसान होते हैं।
सितोपलादि चूर्ण के 8 फायदे और 3 नुकसान
सितोपलादि चूर्ण के फायदे
1- सितोपलादि चूर्ण का सेवन अस्थमा (Asthma) के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि इसका सेवन सूजन और बलगम जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करता है।
2- सर्दी-खांसी (Cold and Cough) की शिकायत होने पर सितोपलादि चूर्ण का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि सितोपलादि चूर्ण में एंटी वायरल गुण पाये जाते हैं, जो सर्दी-खांसी जैसे वायरल इंफेक्शन को कम करने में मदद करते हैं।
3- गले में खराश की शिकायत होने पर भी सितोपलादि चूर्ण का सेवन लाभदायक साबित होता है। क्योंकि सितोपलादि चूर्ण में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण पाये जाते हैं, जो गले में खराश और सूजन जैसी समस्याओं को कम करने में मददगार साबित होते हैं।
4- सितोपलादि चूर्ण का सेवन पेट के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि सितोपलादि चूर्ण का सेवन करने से पाचन तंत्र (Digestion) सही रहता है। साथ ही कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
5- माइग्रेन (Migraine) की शिकायत होने पर सितोपलादि चूर्ण का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि सितोपलादि चूर्ण में एंटी इंफ्लेमेटरी तत्व पाये जाते हैं, जो दर्द को कम करने में मददगार साबित होता है।
6- सितोपलादि चूर्ण एनीमिया (Anemia) की बीमारी होने पर भी लाभदायक साबित होता है। क्योंकि सितोपलादि चूर्ण का सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है।
7- साइनस (Sinus) की बीमारी में भी सितोपलादि चूर्ण का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। इसलिए जिन लोगों को साइनस की शिकायत हो, उनको सितोपलादि चूर्ण का सेवन करना चाहिए।
8- जो लोग अक्सर बीमार पड़ते हैं, उनकी रोग प्रतिरोधक (Immunity) क्षमता कमजोर होती है, लेकिन अगर आप सितोपलादि चूर्ण का सेवन करते हैं, तो इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। जिससे आप बार-बार किसी भी बीमारी की चपेट में आने से बच सकते हैं।
सितोपलादि चूर्ण के नुकसान
1- गर्भवती महिलाओं को सितोपलादि चूर्ण का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके सेवन से उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
2- डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों को सितोपलादि चूर्ण का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके सेवन से शुगर लेवल बढ़ सकता है।
3- सितोपलादि चूर्ण का अधिक मात्रा में सेवन करने से गैस (Acidity) की शिकायत हो सकती है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।