अवसाद एक ऐसी परेशानी है जिससे हम सब दो चार हो रहे हैं। इसके बावजूद हम अपने अवसाद का इलाज नहीं करवाते हैं। अवसाद को समझने के लिए हमें ये समझना होगा कि अवसाद कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। अवसाद को ठीक करना मुमकिन है लेकिन अगर आप उन लोगों में से हैं जिन्हें परेशानी को ठीक कराना पसंद नहीं है तो अवसाद कभी ठीक नहीं हो सकता है।
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सबसे पहले इस बात को स्वीकार कर लीजिए कि अवसाद आसानी से ठीक हो सकता है। अवसाद के दौरान आपको अजीब जरूर लग सकता है लेकिन ये कोई ऐसी परेशानी नहीं है जिसका इलाज उपलब्ध नहीं है। अवसाद को ठीक करना सबसे आसान है क्योंकि इसको ठीक करने के लिए एक एक्सपर्ट को दिखाया जाना जरूरी है। अगर आप इलाज से भाग रहे हैं तो बीमारी ठीक नहीं हो सकती है।
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अवसाद के लक्षण
अवसाद को ठीक करने से पहले अवसाद के लक्षण जानना बेहद जरूरी है और हम आपको इस आर्टिकल में उसके बारे में ही बताने वाले हैं:
मानसिक उलझन - क्या आप भी चीजों को जरूरत से ज्यादा सोचते हैं और उसकी वजह से एक उलझन सी महसूस करते हैं? अगर ऐसा है तो ये अवसाद का एक अहम लक्षण है। इसको ठीक करने के लिए आप सिर्फ मौजूदा स्थिति पर ध्यान रखें और बेवजह चीजों का बोझ खुद पर ना लें।
हारा हुआ महसूस करना - यदि आप कभी कभार या किसी स्थिति के कारण हारा हुआ महसूस करते हैं तो वो एक अलग स्थिति है लेकिन अगर आप हर पल हारा हुआ ही महसूस करते हैं तो ये अवसाद हो सकता है। एक हारा हुआ इंसान कभी भी बदलाव नहीं ला सकता है। ये बात समझना बेहद जरूरी है।
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आत्मविश्वास की कमी - आत्मविश्वास की कमी अवसाद का एक सबसे बड़ा लक्षण है। अगर कोई इंसान आत्मविश्वास की कमी से ग्रसित है तो वो अवसाद का मरीज हो सकता है। ये स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है क्योंकि आत्मविश्वास की कमी कई बार किसी काम के पूरा ना होने पर भी हो सकती है।
अकेलापन पसंद करना - अगर आप या आपके जानने में कोई अकेलापन बेहद पसंद करता है तो वो इंसान अवसाद का मरीज हो सकता है। अवसाद के मरीज अकेले रहना बहुत पसंद करते हैं।