मानसिक सेहत को आज भी सीरियस नहीं समझा जाता है। यही वजह है कि कई लोग इस स्थिति को नजरअंदाज कर देते हैं और उसका परिणाम खराब सेहत के रूप में सामने आता हैं। मानसिक सेहत एक ऐसी जरूरी सेहत है जिसके ना होने पर इंसान गलत व्यवहार करने लगता है या डिप्रेशन में चला जाता है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ बड़े या गरीब ही इसका शिकार होते हैं क्योंकि डिप्रेशन छोटे बच्चों और बड़ों में एक समान ही होता है।
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अच्छी और बुरी सेहत जिस तरह से शरीर और शरीर में मौजूद अंगों के लिए महत्वपूर्ण है उसी प्रकार से दिमाग की अच्छी और बुरी सेहत आपके शरीर और पूरे जीवन के सुचारु रहने के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें दोराय नहीं है कि यदि आप अपने दिमाग को फ्री रखेंगे तो आपको बेहतर महसूस होगा। मनोचिकित्स्क इस बात को लेकर अमूमन सचेत करते रहते हैं और ये जानकारी भी दी जाती है कि यदि आपको कुछ बुरा महसूस हो रहा हो या किसी बात को लेकर आप दुखी या परेशान हों तो उसके बारे में आपको बात करनी ही चाहिए।
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मानसिक सेहत के लिए बातचीत जरूर करें
ये ध्यान रखें कि बातचीत किसी भी परेशानी को दूर कर सकती है। इसलिए ये जरूरी है कि आप खुद पर ध्यान रखें और जब भी दिमाग में कोई भी ऐसा विचार आए जिसको सोचने मात्र से आपको अच्छा ना महसूस हो रहा हो तो उसके बारे में बात करें। यहाँ ये ध्यान रखें कि अपनी बात उन लोगों के बीच रखें जो आपकी फिक्र करते हों क्योंकि हर किसी को अपनी बात बताना आपको मजाक का पात्र भी बना सकता है।
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आप अपने माँ-बाप से वो बात कर सकते हैं या फिर ऐसे किसी मित्र से वो कह सकते हैं जो आपकी भावनाओं की कद्र करता या करती हो। जब आप अपने मन में मौजूद बातों को सामने कह देंगे तो आपको काफी अच्छा महसूस होगा। मन में कोई भी बात छुपाकर रखने से उसका असर हमारी सोच और हमारे दिमाग पर होता है जो काफी घातक हो सकता है। इसलिए अगर आपके मन में कोई बात, कोई घटना, कोई भावना आ रही है और वो आपको अच्छा अनुभव नहीं दे रही है तो उसके बारे में बात करें।