सायनस की परेशानी बड़ी दिक्कतें दे सकती है। ऐसी स्थिति में आपको सांस लेने में मुश्किल पेश आ सकती है और आपको काफी अजीब भी लग सकता है। सायनस की परेशानी एक हड्डी के बढ़ जाने के कारण पैदा होती है। इसका इलाज अमूमन ऑपरेशन बताया जाता है लेकिन ये सच नहीं है।
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सिर्फ ऑपरेशन ही इसका एक मात्र इलाज नहीं है। अगर आप शरीर को फिट और अपनी स्वशन तंत्रिका को एकदम मजबूत रखेंगे तो आपको इससे जुड़ी हुई दिक्कतें नहीं होंगी। पेट से इसका लेना देना नहीं है लेकिन सांस के साथ इसका गहरा संबंध है। आइए आपको उन योगासनों के बारे में बताते हैं जिनको करके आप सायनस को खत्म कर सकते हैं।
सायनस की परेशानी को दूर करें ये 5 योगासन (Cure Sinus with these 5 yogasans)
अनुलोम विलोम (Anulom Vilom)
इस आसन के बारे में आपने हर हाल में सुना होगा क्योंकि अमूमन हर जगह पर इस आसन को करवाया जाता है और लोग इस आसन को ही पहला कदम मानते हैं। ये बात ध्यान रखें कि इसको करते समय आपकी कमर और रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए। ऐसा ना होने पर दिक्कत बढ़ सकती है और असर कम होगा।
कपालभाति (Kapalbhaati)
इस आसन के बारे में भी आपने हर जगह सुना होगा क्योंकि योग करवाने वाले भी इन दोनों पर सबसे ज्यादा फोकस करते हैं। ये दोनों आसन इतनी बार दोहराए जाते हैं कि लोग अब इन्हें करना एक आसान सी स्थिति समझते हैं। ये बात ध्यान रखें कि जहाँ अनुलोम विलोम में आप नाक के छिद्रों का इस्तेमाल करते हैं तो वहीं, कपालभाति में आपका पेट सांस की प्रक्रिया के विपरीत चलता है, मतलब सांस अंदर तो पेट बाहर, और पेट अंदर तो सांस बाहर।
भस्त्रिका (Bhastrika)
कपालभाति में जहाँ आप एक एक करके सांस को लेते हैं तो वहीं भस्त्रिका में इसकी स्पीड बढ़ जाती है। ये भी ध्यान रखें कि जब आप ऐसा करें तो अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और साथ ही एक बार में बेहद अधिक सांस खींचने का प्रयास करें। इससे आपको लाभ होगा लेकिन कपालभाति से तो आप इस परेशानी को बहुत हद तक कम कर लेंगे।
भुजंगासन (Bhujangasana)
इस आसन के नाम से ही जाहिर है कि आपको भुजंग (कोबरा) के अटैक पोज में आ जाना है। अटैक के समय कोबरा का सर उठा हुआ रहता है जबकि उसका पिछले हिस्सा जमीन पर रहता है। इसको करते समय हाथों को छाती के पास रखें और पेट तक के शरीर को ऊपर उठाएं और हाथ एकदम सीधे रखें। पीठ और पेट इससे ठीक हो जाते हैं और सायनस में भी ये आराम दिलाता है।
उष्ट्रासन (Camel Pose)
इस आसन को करने क लिए आप अपने पैरों को जमीन पर रख दें और अब आगे से पीछे जाकर पंजों के पास वाले एरिया को पकड़ने का प्रयास करें। इसको करने से आपको काफी लाभ मिलेगा और आपकी सेहत भी ठीक होगी। पैरों को पीछे रखना है और ये भी ध्यान रहे कि आप इस दौरान एकदम सीधे रहें जबतक कि आपको मुड़ना ना हो।
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