अगर आप या आपके बच्चे बाहर से आकर बिना अपने हाथों को धोए कुछ भी खा लेते हैं या पानी कम मात्रा में पीते हैं, साफ़ पानी नहीं पीते, शौच के बाद हाथ नहीं धोते, अपनी साफ़-सफाई का ध्यान नहीं रखते आदि से आंव (Dysentery) की बीमारी हो सकती है। आंव आंतो का संक्रमण होता है जिसके वजह से खूनी दस्त और मल त्याग करते समय मल के साथ बलगम आने की समस्या हो जाती है। यह समस्या 3 से 7 दिनों तक रह सकती है। आंव बैक्टीरिया, वायरस, प्रोटोजोआ आदि के संक्रमण से हो सकता है। इस बीमारी में आंतो में ऐंठन, मरोड़, टीस और दर्द भी होता है। आइये इस विषय में और जानकारी प्राप्त करें।
आंव का रामबाण इलाज
1. अनार का छिलका (Pomegranate peel)
अनार का छिलका आंव की बीमारी से छुटकारा दिला सकता है। उपयोग के लिए - अनार के 60 ग्राम छिलके को 250ml दूध में मिलाकर तब तक उबालें जब तक इसमें एक तिहाई दूध ना बच जाए। यह मिश्रण तैयार है और इसका सेवन दिन में तीन बार करें।
2. जामुन (Blackberry)
जामुन का रस और छाल से आंव की बीमारी में फायदे होते हैं। दो चम्मच जामुन का रस और गुलाब जल बराबर मात्रा में लें और इसमें चीनी मिलाकर पीने से खूनी आंव की समस्या दूर हो सकती है। 20 ग्राम जामुन की छाल को कूट लें और उसे पानी में उबालें। पानी जब आधा हो जाए तब इसमें शहद मिलाकर पिएं।
3. जीरा (Cumin)
जीरा आंव की बीमारी में फायदेमंद होता है। 1 गिलास छाछ में 2 चुटकी भुना जीरा और 2 चुटकी सेंधा नमक मिलाकर पिएं। इससे दस्त में आराम आएगा।
4. अमला (Gooseberry)
अमला का सेवन करें। रात में सूखे आंवले को भिगो दें और सुबह उठकर उस आंवले का सेवन करने से आंव की बीमारी में आराम आएगा।
5. नींबू (Lemon)
नींबू में औषधीय गुण होते हैं। उपयोग के लिए - पीसे हुए नींबू के पत्तों में चीनी मिलाकर मिश्रण तैयार करें। इसका सेवन आंव और बवासीर के लिए फायदेमंद होता है। रोगी को यह मिश्रण दिन में 2 से 3 बार दें।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।