डायबिटीज के बढ़ने पर व्यक्ति को हार्ट संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। क्योंकि, डायबिटीज और हार्ट डिजीज के बीच मजबूत कनेक्शन है। दोनों बीमारी बीपी, कोलेस्ट्रॉल और मोटापे के बढ़ने से होती हैं। इसलिए समय रहते अगर डायबिटीज को कंट्रोल नहीं किया गया तो हार्ट डिजीज होना निश्चित है। वहीं, वैज्ञानिकों का मानना है कि विटामिन डी मधुमेह के इलाज में मदद करता है और साथ ही हृदय रोग से छुटकारा मिलता है।
डायबिटीज में कैसे काम करता है विटामिन डी (How Vitamin D Works in Diabetes)
विटामिन डी अग्न्याशय में खराब बीटा कोशिकाओं का इलाज करने में मदद कर सकता है जो हार्मोन इंसुलिन का उत्पादन, भंडारण और उसे छोड़ने में मदद कर सकता है। इससे वह मधुमेह के इलाज के लिए एक नए दृष्टिकोण के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकता है। जब बीटा कोशिकाएं निष्क्रिय हो जाती हैं, तो शरीर रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन नहीं बन सकता है और ग्लूकोज का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ सकता है।
अमेरिका में साल्क इंस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं ने एक अप्रत्याशित स्रोत विटामिन डी का इस्तेमाल करके अपना लक्ष्य पूरा किया। कोशिकाओं और माउस मॉडल में विटामिन डी क्षतिग्रस्त बीटा कोशिकाओं के इलाज में फायदेमंद साबित हुआ। एक अन्य शोध में बताया गया है कि, मधुमेह सूजन के कारण हुई एक बीमारी है। शोधकर्ताओं ने विटामिन डी रिसेप्टर को सूजन और बीटा कोशिका के अस्तित्व दोनों के एक महत्वपूर्ण माड्यूलेटर के रूप में पहचाना।
डायबिटीज का खतरा कम होते ही हृदय रोग से भी मिलने लगता है छुटकारा (Vitamin D will get rid of heart disease along with diabetes)
शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा इंसुलिन के प्रति बॉडी की सेंसिविटी को बेहतर करती है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करता है। इससे इंसुलिन रेजिस्टेंस का खतरा कम होता है। ऐसे में विटामिन डी जब हम लेते हैं ना सिर्फ डायबिटीज की की समस्या से राहत मिलता है बल्कि, हृदय रोगों से भी छुटकारा मिलता है।
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