आज के समय में डायबिटीज से परेशान रोगी को अपना ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित करना जरूरी होता है। 10 में से 4 लोग मधुमेह का शिकार होते हैं। भारत में मधुमेह एक बढ़ती हुई स्वास्थ्य चिंता है, जिसमें आधी से अधिक आबादी के जीवन में कभी न कभी इस स्थिति के विकसित होने का खतरा होता है। भारत में शहरों व महानगरीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में डायबिटीज होने की संभावना पहले से कहीं अधिक होती है।
डायबिटीज से हार्ट अटैक, किडनी फेलियर, ब्रेन स्ट्रोक और अन्य ऑर्गन फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। यह कुछ हद तक, जीवनशैली को बढ़ावा देने वाले शहरों के कारण है जो किसी व्यक्ति के बॉडी मास इंडेक्स (BMI) को बढ़ा सकते हैं। उच्च BMI होना मधुमेह का जोखिम कारक है। ऐसे में जरूरी है कि ब्लड शुगर लेवल संतुलित बनाए रखा जाए। आपको बता दें कि खान-पान की वजह से ब्लड शुगर लेवल पर भी काफी प्रभाव पड़ता है। ऐसी स्थिति में मधुमेह रोगियों की खाली पेट और खाना खाने के 2 घंटे बाद शुगर कितनी होनी चाहिए। इस लेख में हम विस्तार से इस विषय पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि खाना खाने के बाद शुगर कितनी होनी चाहिए।
खाना खाने के 2 घंटे बाद शुगर कितनी होनी चाहिए
खाने से पहले खून में शुगर का स्तर (Blood sugar level before meals)
सुबह खाली पेट (empty stomach) यानी फास्टिंग के दौरान, यदि व्यक्ति ने 8 घंटे से अधिक तक कुछ ना खाया हो तो उस समय जांच करने पर ब्लड सुगर लेवल 70-100 mg/dl होता है। खाली पेट जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल 100-126 mg/dl होगा उन्हें प्री-डायबिटिक कहा जाता है और यदि यह 130 mg/dl से अधिक हो तो यह स्थिति खतरनाक हो सकती है।
खाना खाने के 2 घंटे बाद का ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level 2 hours after a meal)
कुछ भी खाने के बाद (after meal) ब्लड शुगर लेवल 130-140 mg/dl होना चाहिए और यदि ब्लड शुगर लेवल इससे अधिक हुआ तो यह डायबिटीज यानी मधुमेह का लक्षण माना जायेगा। भोजन के बाद यदि व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल 200-400 mg/dl हुआ तो यह हानिकारक होता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।