माइग्रेन एक सर में होने वाला दर्द है जिसकी वजह से माइग्रेन से ग्रसित इंसान को काफी दर्द महसूस होता है। इस स्थिति में कई बार जी मिचलाना और आवाज तथा लाइट से होने वाली परेशानी भी शामिल है। माइग्रेन के बाद कई बार ऐसे दर्द और शारीरिक परेशानियाँ भी पेश आती हैं जो माइग्रेन से होने वाले दर्द को बढ़ा देती हैं। माइग्रेन की वजह से इंसान को हार्मोनल बदलाव देखने को मिलते हैं जिसके साथ साथ माइग्रेन से ग्रसित लोगों को खाने और पीने में भी परेशानी होती है और उसकी वजह से भी आपकी सेहत पर असर पड़ता है।
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माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जिसका असर कई बार किसी एक इंसान को ही देखने को मिलता है जबकि कई बार ये परिवार में एक समय से परेशानी का कारण रहता है। माइग्रेन की स्थिति बनने से पहले आपको कई प्रकार के पूर्वाभास होते हैं जिसके लक्षण खाने को लेकर आपके मन में उठने वाले भाव, डिप्रेशन, थकावट या कमजोरी महसूस करना और काफी तेजी से उबासी आना शामिल है। माइग्रेन से पहले कई बार इससे परेशान लोगों को हाइपरएक्टिव होते हुए देखा जाता है लेकिन साथ ही वो हर बात पर नाराज हो जाते हैं और कई बार उन्हें गर्दन में एक कठोरपन भी महसूस होता है।
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माइग्रेन से बचाव के लिए करें ये काम
माइग्रेन के दर्द को अटैक की स्थिति में ना जाने दें क्योंकि वो बेहद कष्टकारी होता है। उस स्थिति में परेशानी बेहद सीरियस हो जाती है क्योंकि उस स्थिति में माइग्रेन से परेशान इंसान को दर्द सर के किसी भी हिस्से में महसूस हो सकता है। ऐसी स्थिति में माइग्रेन से परेशान इंसान का सर भी चकराने लग सकता है और उन्हें सर के दर्द में एक बीट सी महसूस होती है जो इस बात का संकेत है कि दर्द अब काफी बढ़ गया है क्योंकि ऐसी स्थिति में इंसान का जी मिचलाने लगता है और उन्हें उलटी भी हो सकती है।
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माइग्रेन का इलाज आपकी उम्र, माइग्रेन के होने वाले समय, माइग्रेन के प्रकार और उसकी मौजूदा स्थिति शामिल है। इस स्थिति में ये ध्यान रखा जाता है कि क्या माइग्रेन से परेशान इंसान को जी मिचलाने, उलटी एवं अन्य परेशानियाँ भी महसूस होती हैं या नहीं। आप स्ट्रेस मैनेजमेंट करके भी माइग्रेन को कम कर सकते हैं। यदि माइग्रेन किसी महिला के मेनस्ट्रल साइकल से संबंधित होता है तो हॉर्मोन थेरेपी के माध्यम से इसे ठीक किया जाता है।
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