ज़्यादा फैटा एकत्र होने और वजन के बढ़ने की स्तिथि को मोटापा (Obesity) कहा जाता है। मोटापा ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति का वजन इतना ज्यादा हो जाता है कि इसका बुरा असर उसकी सेहत पर पड़ने लगता है। एक फिट शरीर की कामना हर कोई करता है, परन्तु कुछ परिस्तिथियों के कारण मोटापे की समस्या उत्पन हो सकती है। मोटापे के अधिकांश मामलों में एक व्यक्ति जितनी कैलोरी बर्न करता है उससे बहुत अधिक कैलोरी का सेवन करता है। शरीर द्वारा इस्तेमाल न की जाने वाली कैलोरी वसा यानी फैट के रूप में जमा हो जाती है। मोटापा अपने साथ अन्य बीमारियों का भी खतरा लता है। इस लेख में हम उन बीमारियों की चर्चा करेंगे।
मोटापा पैदा कर सकता है यह 5 रोग : Motapa Paida Kar Sakta Hai Yeh 5 Rog In Hindi
1. हृदय रोग (Heart disease)
मोटापा कई गंभीर बीमारियों की जड़ होता है मोटापे से लोगों को जो सबसे ज्यादा बीमारी होती है वह है हृदय रोग। एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) मतलब धमनियों (arteries) का सख्त होना, यह समस्या कम मोटे लोगों की तुलना में मोटे लोगों में 10 गुना अधिक होता है। कोरोनरी धमनी की बीमारी (Coronary artery disease) भी मोटे लोगों में अधिक प्रचलित है, क्योंकि फैटी डिपॉजिट्स उन धमनियों में निर्माण कर लेते हैं जो हृदय के रक्त की आपूर्ति करती हैं। हृदय की रक्तवाहिनियों के छोटा होने से और रक्त प्रवाह कम होने से भी सीने में दर्द या दिल का दौरा (Heart attack) पड़ सकता है। संकुचित धमनियों में रक्त के थक्के भी बन सकते हैं जो स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं।
2. हार्मोन असंतुलन (Hormonal imbalance)
हार्मोन असंतुलन पुरुषों और महिलाओं में मोटापे का एक और प्रमुख कारण है, लेकिन यह महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है, क्योंकि उनमें हार्मोन असंतुलन अधिक होता है। तनाव (stress), अनिद्रा (insomnia), गर्भ निरोधक गोलियों (contraceptives) का सेवन और मेनोपॉज (menopause) के कारण महिलाओं में हार्मोन्स के स्तर में तेजी से बदलाव आता है, जिस कारण पेट के आसपास चर्बी बढ़ जाती है।
3. टाइप 2 मधुमेह (Type 2 Diabetes)
मोटापे को बीमारी नहीं माना जाता, लेकिन मोटापा टाइप 2 डायबिटीज का प्रमुख कारण होता है। इस प्रकार का मधुमेह आमतौर पर वयस्क होने पर होता है लेकिन, अब इसके गंभीर लक्षण बच्चों में भी देखने को मिल रहे हैं। मोटापा इंसुलिन के प्रतिरोध (resistance) का कारण बनता है, यह हार्मोन रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब मोटापा इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बनता है, तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। यहां तक कि कम मोटापा भी मधुमेह के खतरे और जोखिम को बढ़ाता है।
4. ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)
मोटापे की वजह से महिलाओं में अक्सर ऑस्टियोआर्थराइटिस जो एक सामान्य संयुक्त स्थिति (joint condition) है यह समस्या देखने को मिलती है। यह रोग अक्सर घुटने, कूल्हे या पीठ को प्रभावित करता है। अतिरिक्त वजन बढ़ जाने से इन जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और कार्टिलेज (मतलब जोड़ों को कुशनिंग करने वाले ऊतक) से दूर हो जाता है जिनका काम सामान्य रूप से जॉइंट्स की रक्षा करने का होता है।
5. स्त्री रोग संबंधी बीमारियां (Gynecological problems)
मोटापे की वजह से महिलाओं में स्त्री रोग संबंधी बीमारियां जैसे इनफर्टिलिटी (Infertility) और अनियमित पीरियड्स (Irregular periods) की समस्याएं उत्पन्न होती है। आज के समय में ज्यादातर महिलाएं अनियमित माहवारी की परेशानी से जूझ रही है क्योकि मोटापा बढ़ने से उनके होर्मोनेस ठीक तरह से काम नहीं कर पाते है जिससे कई तरह की जटिलताएं पैदा हो जाती है।
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