सर्पगंधा को आयुर्वेद में बेहद सम्मान प्राप्त है और उसकी वजह है इससे होने वाले लाभ जिनसे एक समय पर पागलपन को भी ठीक किया जाता था। ये स्वाद में कडुवा, तीखा होता है और पेट के लिए ये रूखा एवं गर्म होता है। ये एक छोटा सा चमकीला, हर समय पाया जाने वाला पौधा है जो आज भी पाया जाता है।
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इसकी पत्तियां गुच्छेदार होती हैं और इनका रंग ऊपर गाढ़ा एवं नीचे हल्का हरा होता है। इसके फल छोटे होते हैं और अमूमन एक दूसरे से जुड़े हुए रहते हैं। इसके फल पकने पर बैंगनी एवं काले रंग के हो जाते हैं। इसकी जड़ का प्रयोग भी किया जाता है और उससे कई बीमारियाँ ठीक की जाती हैं।
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इसके फूल गुच्छों में एक हरे तथा सफेद रंग के होते हैं। इसका फल गोलाकार, कच्ची अवस्था में हरा एवं पकने पर जामुनी एवं गुलाबी रंग का होता है। इसकी जड़ लंबी होती है और इसका सेवन सिर्फ डॉक्टर या किसी जानकार के बताने पर ही किया जाना चाहिए। आइए आपको इसके फायदों के बारे में बताते हैं।
सर्पगंधा के फायदे
काली खांसी में है फायदेमंद
ये बच्चों में होने वाली एक संक्रामक बीमारी है। इसके लिए ढाई सौ से पाँच सौ मिग्रा सर्पगंधा का सेवन बच्चे को शहद के साथ कराने से काली खांसी दूर हो जाती है। आज कल के दौर में ये जरूरी है कि आप अपने आपको एवं अपने बच्चे को हर परेशानी से बचाएं ताकि आपको परेशानी ना पेश आए।
हैजा में फायदेमंद
पतले दस्त और उल्टी वाली स्थिति में तीन से पाँच ग्राम सर्पगंधा की जड़ के चूर्ण को गुनगुने जल के साथ पीने से आपको हैजा में आराम मिलता है। ये हमेशा और बिल्कुल कारगर दवाई है जिसका इस्तेमाल कोई भी और किसी भी उम्र का इंसान कर सकता है। इससे हमेशा ही लाभ होता है।
पेट दर्द मिटाए सर्पगंधा का सेवन
सर्पगंधा अपच और कब्ज को दूर करने में कारगर है। इसके इस्तेमाल से आप गैस से निजात पा सकते हैं। ऐसी स्थिति में सर्पगंधा के काढ़े के दस से तीस मिग्रा सेवन से आपको पेट दर्द में आराम मिलेगा।
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