सोशल मीडिया से मानसिक स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभाव

सोशल मीडिया
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सोशल मीडिया का उपयोग आजकल के दौर में काफी होने लगा है। इसकी वजह से जीवन में एक दूसरे से बातचीत कम और एक दूसरे के बारे में बातचीत ज्यादा होने लगी है। ये एक बड़ी वजह है जिसके कारण लोग हमेशा अपनी तस्वीरें खींचकर उन्हें पब्लिक के बीच में शेयर करना चाहते हैं। इसकी वजह से लोगों के मन में एक जिज्ञासा रहती है कि किसने उनके पोस्ट को देखा और जवाब दिया और साथ ही क्या जवाब दिया गया।

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यदि इसे सेल्फ इम्पॉर्टैंस के स्तर से देखा जाए तो ये एक अच्छी बात है लेकिन हाल में आए मेडिकल केस और कई अन्य सर्वे के द्वारा प्राप्त जानकारी के आधार पर ये बात स्थापित हो जाती है कि सोशल मीडिया एक परेशानी का कारण बनता जा रहा है। ऐसे कई मामले आए हैं जहाँ लोगों ने खुद को दूसरे से सिर्फ इसलिए कमतर आँका क्योंकि सामने वाले ने सोशल मीडिया पर कुछ बेहद अच्छी तस्वीर साझा की थी और वो किसी जगह के सफर पर गए हुए थे।

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सोशल मीडिया और मेंटल हेल्थ

सोशल मीडिया में ना सिर्फ कई गलत खबरें आती हैं बल्कि लोगों के अंदर एक सोशल एन्गेजमेन्ट एंग्जायटी डेवेलप होने लगा है। ये हर तस्वीर पर मिलने वाले लाइक, कमेंट और तस्वीर को सच मानने लगा है। इसकी वजह से लोग एक दूसरे से पहले के मुकाबले अधिक कम्पैरिजन करने लगे हैं।

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ये इमोशनल स्ट्रेस का कारण बन गया है इसके एडिक्शन के कारण लोग अपनी नींद से ज्यादा सोशल मीडिया को तवज्जो देने लगे हैं। इसके कारण आँखों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है और थकावट भी महसूस होती है। सोशल मीडिया के कारण ही लोग एक्सरसाइज पर कम ध्यान देते हैं और उनके द्वारा ध्यान दिए जाने की क्षमता में भी एक बदलाव देखने को मिला है। यदि आप खुद के जीवन में सुकून चाहते हैं तो अपने फोन के इस्तेमाल को कम कर दें और सोशल मीडिया को सिर्फ जरूरत भर ही इस्तेमाल करें।