विजयसार की लकड़ी के बारे में बेहद कम लोगों ने ही सुना होगा। इसकी एक बड़ी वजह है आयुर्वेद के प्रति हमारी अज्ञानता और अंग्रेजी दवाइयों के प्रति हमारा रुझान। इसकी वजह से हमारे देश में ही मौजूद अद्भुत दवाइयों के बारे में हमें मालूम नहीं है जो बेहद दुखद है। ये इस बात को भी उजागर करता है कि अगर हम अपने आयुर्वेद का अध्ययन कर लें तो बीमारियाँ हमें परेशान नहीं कर सकेंगी।
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विजयसार को मलबार कीनो कहा जाता है और ये गुजरात से लेकर बिहार तक, एवं अण्डमान द्वीप समूह, तथा दक्षिणी पर्णपाती सदाहरित पहाड़ी वनों से लेकर श्रीलंका तक में पाया जाता है। इस पेड़ को वैज्ञानिक पेट्रोकार्पस मारसूपियम कहते हैं और इसका इस्तेमाल कई प्रकार की दवाइयों को बनाने में किया जाता है।
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इसकी लंबाई 10 से 30 मीटर तक होती है और इसका तना धुंए के रंग का होता है। इसकी छाल खुरदुरी होती है जिससे गोंद निकलता है। इस गोंद का रंग लाल होता है जबकि इसके फूल पीले रंग के होते हैं। आइए आपको विजयसार के उन फायदों के बारे में बताते हैं जिनके बारे में आपने नहीं सुना होगा।
विजयसार की लकड़ी के फायदे
शुगर की रोकथाम में मददगार
ये शुगर की मात्रा को कंट्रोल करने के साथ साथ आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करता है। इसकी मदद से शुगर से पीड़ित लोग इससे जुड़े कारणों से बच पाते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि इसकी लकड़ी से बने बर्तन में भोजन करने से और भी लाभ मिलते हैं।
एनीमिया को करे ठीक
इसमें आयरन भरपूर मात्रा में होता है तो अगर आपके शरीर में खून नहीं बन रहा है या हीमोग्लोबिन की कमी है तो आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। एनीमिया के मरीज वैसे तो अन्य कई चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन ऐसा माना जाता है कि इसमें आयरन बेहद अच्छी मात्रा में होता है।
डायरिया को ठीक करने में मदद करती है विजयसार की लकड़ी
दस्त होने पर इंसान को कमजोरी महसूस होती है जो सेहत को भारी नुकसान पहुँचा सकती है। ऐसे में अगर इंसान इसकी छाल और लकड़ी को आम या आमड़ा के साथ खाता है तो उससे उसको खासा लाभ होगा और दस्त से होने वाली परेशानी भी दूर हो जाती है।
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