मेड्रिड ओपन : जब नीली क्ले कोर्ट की वजह से नडाल ने दी थी बॉयकॉट की चेतावनी

साल 2012 में नीली कोर्ट पर मेड्रिड ओपन में खेलते राफेल नडाल।
साल 2012 में नीली कोर्ट पर मेड्रिड ओपन में खेलते राफेल नडाल।

साल का दूसरा क्ले कोर्ट एटीपी मास्टर्स टूर्नामेंट मेड्रिड ओपन 1 मई से शुरु होने जा रहा है। क्ले कोर्ट सीजन के सबसे बड़े टूर्नामेंट में शामिल इस प्रतियोगिता के लिए 10 साल पहले एक ऐसा मौका आया जब नडाल, जोकोविच जैसे बड़े नाम इसे बॉयकॉट करने तक को तैयार हो गए थे। और इसका प्रमुख कारण था क्ले कोर्ट का रंग लाल की जगह नीला होना। नीली क्ले कोर्ट पर खेल खराब होते देख टॉप खिलाड़ियों ने साल 2012 में नाराजगी जताई थी जिसके बाद ये प्रयोग बंद कर दिया गया।

खिलाड़ियों के मुताबिक नीली कोर्ट की सतह काफी फिसलने वाली थी जो खतरनाक हो सकती थी।
खिलाड़ियों के मुताबिक नीली कोर्ट की सतह काफी फिसलने वाली थी जो खतरनाक हो सकती थी।

साल 2012 में मेड्रिड ओपन के आयोजकों ने नया प्रयोग करते हुए पारंपरिक लाल रंग की क्ले की जगह नीली क्ले का इस्तेमाल करते हुए कोर्ट बनाया था। टूर्नामेंट के आयोजकों ने बताया था कि नीली क्ले बनाने के लिए साधारण क्ले को ही इस्तेमाल किया गया था। इसमें से आयरन ऑक्साइड हटाई गई और इसका रंग लाल से सफेद हो गया जिसके बाद इसे नीला रंग दिया गया। इसे टीवी प्रसारण में बेहतर लुक मिले, इसके लिए पीली गेंद का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन ये प्रयोग पूरी तरह असफल रहा। लाल बजरी को जानने -पहचानने वाले टॉप खिलाड़ी भी नीली कोर्ट में खेलकर काफी परेशान हो गए थे क्योंकि ये कुछ ज्यादा ही फिसलने वाली थी और धीमी भी थी।

खुद स्पेन के राफेल नडाल ने टूर्नामेंट में तीसरे दौर में बाहर होने के बाद नीली कोर्ट पर खेलने के विरुद्ध खुलकर बयान दिये और साफ कर दिया था कि वो दोबारा टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं बनेंगे अगर नीली क्ले को हटाया नहीं जाता। सिर्फ नडाल ही नहीं, नोवाक जोकोविच ने भी क्वार्टरफाइनल में बाहर होने के बाद नीले क्ले कोर्ट को इसका कारण बताया था और उन्होंने भी टूर्नामेंट के बॉयकॉट की धमकी दी थी। नोवाक जोकोविच उस साल गत विजेता थे जबकि जबकि नडाल गत उपविजेता थे और इससे पहले 2005, 2010 में खिताब भी जीत चुके थे। ऐसे में जब इन टॉप खिलाड़ियों ने अपना रुख साफ कर दिया तो आयोजकों को भी नीली कोर्ट का फैसला वापस लेना पड़ा।

आपको बता दें कि नीली कोर्ट के इस प्रयोग में साल 2012 में रॉजर फेडरर ने खिताब जीता था जबकि चेक रिपब्लिक के थॉमस बर्डिच उपविजेता रहे थे। महिला सिंगल्स का खिताब सेरेना विलियम्स ने जीता था।