दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे देश के टॉप पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ यानी WFI के खिलाफ लिखित में शिकायत भारतीय ओलंपिक संघ को सौंपी है। बकायदा आधिकारिक पत्र लिखकर IOA की नवनियुक्त अध्यक्ष 'उड़नपरी' पीटी ऊषा को शिकायतों से रूबरू करवाया गया है। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया जैसे पहलवान तीन दिनों से WFI के खिलाफ मोर्चा खोलकर धरने पर बैठे हैं। पहलवानों ने महिला पहलवानों के साथ शोषण की शिकायत प्रमुखता से की है।
पहलवानों ने अपनी लिखित शिकायत में WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कई युवा पहलवानों की ओर से यौन शोषण किए जाने की बात कही है। इसके साथ ही भारतीय कुश्ती महासंघ में वित्तीय अनियमितताओं के होने का भी दावा किया है। टोक्यो ओलंपिक में मेडल नहीं ला पाने के कारण पहलवान विनेश फोगाट को मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने की शिकायत का उल्लेख भी चिट्ठी में है। यही नहीं शिकायत भरी चिट्ठी में यह भी बताया गया है कि राष्ट्रीय कैम्प में उनके साथ जो कोच और अन्य स्टाफ रखा जाता है वह भी अपने काम में दक्ष नहीं है।
पहलवानों ने पत्र में अपनी मांग रखते हुए कहा है कि यौन शोषण के मामले में एक विशेष समिति IOA के द्वारा बनाई जाए। इसके साथ ही बृजभूषण शरण सिंह के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की मांग करते हुए मौजूदा WFI को पूरी तरह भंग किए जाने की मांग की गई है। पहलवानों के साथ बातचीत कर एक नई समिति के गठन की मांग भी रखी गई है जो देश में कुश्ती की देखरेख करे।
इस चिट्ठी पर दो बार की विश्व चैंपियनशिप मेडलिस्ट विनेश फोगाट, ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बजरंग पुनिया, रियो ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट साक्षी मलिक, टोक्यो ओलंपिक सिल्वर और कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट रवि कुमार और कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट पहलवान दीपक पुनिया ने हस्ताक्षर किए हैं।
IOA की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने अपनी ओर से पहलवानों को आश्वासन दिया है कि उनकी शिकायतों का पूरा संज्ञान लिया जाएगा और उचित एक्शन लिया जायेगा। पहलवानों ने प्रकरण में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से भी मुलाकात की जिसके बाद खेल मंत्रालय ने WFI से जवाब मांगा है। फिलहाल बृजभूषण शरण सिंह ने इस्तीफा देने से इंकार किया है।
