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आईपीएल 2019: वर्ल्ड कप 2019 का आईपीएल टीमों पर क्या असर पड़ेगा ?

अब यह बात साफ़ हो चुकी है कि इस साल इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप और आईपीएल के समय में ज़्यादा फ़र्क़ नहीं है। लेकिन इसकी वजह से बीसीसीआई को खिलाड़ियों के व्यस्त शेड्यूल, ब्रॉडकास्टर कमाई और बोर्ड की कमाई के बीच संतुलन बनाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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हालांकि, इस समस्या के हल के लिए बीसीसीआई भारत में ही ज़्यादा से ज़्यादा मैच करवाने की कोशिश में है। लेकिन, आने वाले आम चुनावों की वजह से आईपीएल का 12वां संस्करण भारत से बाहर आयोजित किये जाने की पूरी संभावना है।

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अब चूँकि, विश्व कप भी आईपीएल के समाप्त होने के लगभग तीन हफ़्तों के भीतर ही खेला जायेगा, इसलिए बीसीसीआई खिलाड़ियों को ज़्यादा से ज़्यादा आराम देने की नीति पर चलेगी। विश्व कप से पहले किसी भी नियमित खिलाड़ी का चोटिल होना भारत के एक बार फिर से विश्व विजेता बनने की संभावना को कम कर सकता है।

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इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया पहले ही इस बात की घोषणा कर चुके हैं कि उनके खिलाड़ी मई के बाद से इस टूर्नामेंट के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।

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इसलिए कई खिलाड़ियों को उनकी टीमों ने आईपीएल नीलामी में अपना नाम देने से रोक दिया और कुछ के बीच टूर्नामेंट से ही वापिस चले जाने की आशंका के चलते उन पर किसी टीम ने बोली ही नहीं लगाई। यही वजह रही कि नीलामी में जहां कार्लोस ब्रैथवेट को लगभग 5 करोड़ रूपए की भारी कीमत मिली वहीं इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन, सलामी बल्लेबाज़ एलेक्स हेल्स और हरफनमौला खिलाड़ी क्रिस वोक्स को कोई ख़रीददार नहीं मिला।

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जबकि कुछ टीमों ने अपने प्रमुख खिलाड़ियों को खोने के जोखिम के चलते उन्हें टीम में बरकरार रखा और नीलामी में कुछ अच्छे खिलाड़ियों का चुनाव कर अपने टीम संयोजन को आदर्श बनाया, वहीं कुछ इसमें विफल रहे। इस आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि कैसे आगामी विश्व कप आईपीएल टीमों को प्रभावित कर सकता है:

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#1.चेन्नई सुपर किंग्स

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चेन्नई सुपर किंग्स शायद एकमात्र ऐसी फ्रेंचाइज़ी होगी जिसे आगामी विश्व कप के चलते अपने टीम संयोजन में किसी तरह के बदलाव की चिंता नहीं होगी। सीएसके अपने टीम संयोजन से ज़्यादा खिलाड़ियों के फॉर्म और उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन को लेकर चिंतित होगी।

चेन्नई टीम में इस समय शेन वॉटसन के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, डेविड विली और सैम बिलिंग्स ही सक्रिय खिलाड़ी हैं, इनमें से सैम बिलिंग्स के इंग्लैंड वनडे टीम में शामिल होने की संभावना बहुत कम है। फिर भी आगामी विश्व कप को देखते हुए यदि वह आईपीएल के चालू सत्र में वापिस लौट भी जाते हैं तो भी ड्वेन ब्रावो, लुंगी एन्गिडी और शेन वॉटसन जैसे खिलाड़ियों के रहते धोनी की टीम को ज़्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ेगा। जहां तक भारतीय खिलाड़ियों का सवाल है, बीसीसीआई एमएस धोनी को आईपीएल में ज़्यादा से ज़्यादा मैच खेलते देखना चाहेगी। चूँकि, धोनी इस समय खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं और पिछले साल वह सीमित ओवर प्रारूपों में रन बनाने के लिए जूझते दिखे हैं।

इसलिए आईपीएल में उनके पास मौका होगा कि वह अपनी फॉर्म को दोबारा हासिल करें और विश्व कप से पहले बेहतरीन फार्म के साथ भारतीय टीम में वापसी करें। उनके अलावा, सुरेश रैना, हरभजन सिंह सहित अन्य प्रमुख भारतीय खिलाड़ी भी पूरे सीज़न के लिए उपलब्ध होंगे।

#2. दिल्ली कैपिटल्स

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सीएसके की तरह ही दिल्ली कैपिटल्स को भी आगामी विश्व कप के चलते कोई खास फ़र्क़ नहीं पड़ेगा। रणजी सीज़न में ना खेलने की वजह से आलोचना झेलने वाले शिखर धवन को भी बीसीसीआई पूरे आईपीएल सीज़न में खेलते देखना चाहेगी। फिलहाल, धवन अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं हैं खासकर विदेशी परिस्थियों में उन्हें खेलने में परेशानी होती है। अब चूँकि, आईपीएल 2019 दक्षिण अफ्रीका में खेले जाने की संभावना है, इसलिए बीसीसीआई यह चाहेगी कि धवन विश्व कप से पहले अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में लौट आयें।

आईपीएल नीलामी में दिल्ली ने बड़ी चतुराई से किसी भी सक्रिय ऑस्ट्रेलियाई या इंग्लिश खिलाड़ी को टीम में शामिल नहीं किया है। श्रेयस अय्यर अभी भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए हैं जबकि ऋषभ पंत को हाल ही में टीम प्रबंधन ने वनडे टीम से बाहर कर दिया है और चयनकर्ताओं ने दिनेश कार्तिक को दूसरे विकेट-कीपर के रूप में टीम स्क्वॉड का हिस्सा बनाया है। ऐसे में यह दोनों खिलाड़ी भी पूरे सीज़न के लिए उपलब्ध होंगे।

ऐसे में, यह कहना उचित होगा कि आगामी विश्व कप के चलते दिल्ली कैपिटल्स को कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा।

#3. कोलकाता नाइट राइडर्स

केकेआर की बल्लेबाज़ी़ उनके विस्फोटक सलामी बल्लेबाज़, क्रिस लिन पर बहुत निर्भर करती है लेकिन आईपीएल के बाद खेले जाने वाले विश्व कप को देखते हुए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया उन्हें बीच सीज़न से वापिस बुला सकता है इसलिए केकेआर थिंक-टैंक को ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ का कोई विकल्प तलाशना होगा।

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उनके बैक-अप के तौर पर कोलकाता के पास रॉबिन उथप्पा के रूप में एक विश्वसनीय सलामी बल्लेबाज़ हैं लेकिन निश्चित रूप से लिन के टीम में रहने से जो एक मनोवैज्ञानिक लाभ टीम को मिलने वाला था, वो नहीं मिल पायेगा।

वहीं, दूसरी और भारतीय खिलाड़ियों की बात करें तो बीसीसीआई यह सुनिश्चित करना चाहेगी कि कुलदीप यादव को आगामी विश्व कप के मद्देनज़र आराम दिया जाये। लेकिन क्रिकेट प्रशंसक इस बात की उम्मीद करेंगे कि केकेआर के कप्तान और बेहतरीन फिनिशर दिनेश कार्तिक पूरे सीज़न उपलब्ध रहे और खुद कार्तिक भी अपनी उपलब्धता को सुनिश्चित करना चाहेंगे।

#4. किंग्स इलेवन पंजाब

इंग्लैंड के आल-राउंडर सैम करन इस आईपीएल नीलामी में सबसे महंगे बिकने वाले खिलाड़ियों में से एक थे। विशेष रूप से भारत के इंग्लैंड दौरे में उन्होंने बेह्तरीन प्रदर्शन किया था जिसकी वजह से सभी फ्रेंचाइजियों की नज़रें उन पर टिकी थीं।

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हालाँकि, उन्हें किंग्स इलेवन पंजाब ने आईपीएल नीलामी में खरीदा है लेकिन इंग्लिश टीम के अहम खिलाड़ी होने की वजह से उन्हें आईपीएल के बीच सीज़न से वापिस बुलाया जा सकता है। ऐसे में, किंग्स इलेवन की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। ऐसा देखा गया है कि पंजाब टीम टूर्नामेंट की शुरुआत में तो अच्छा प्रदर्शन करती है लेकिन जैसे जैसे यह टूर्नामेंट अपने अंत की ओर बढ़ता चला जाता है, वैसे-वैसे उनका प्रदर्शन भी गिरता जाता है।

सैम करन के प्रतिस्थापन के रूप में युवा ऑलराउंडर मोइसिस हेनरिक्स को टीम में शामिल किया जा सकता है लेकिन करन के टीम में ना होने से निश्चित रूप से पूरी टीम के प्रदर्शन पर फ़र्क़ पड़ेगा।

इसके अलावा, किंग्स इलेवन को किसी अन्य खिलाड़ी की उपलब्धता के मामले में चिंता करने की ज़रूरत नहीं होगी। भारतीय टीम में चहल और कुलदीप के बैक-अप के रूप में जडेजा होंगे इसलिए रविचंद्रन आश्विन पूरे सीज़न के लिए उपलब्ध रहेंगे।

#5.रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर

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रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को अपने कप्तान और सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी, विराट कोहली के अलावा किसी और खिलाड़ी की उपलब्धता के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। अपने समकालीन खिलाड़ियों के विपरीत, विराट तीनों प्रारूपों में देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। विराट इस समय दुनिया सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ हैं इसलिए आरसीबी के लिए उनका विकल्प ढूंढना बहुत मुश्किल होगा।

हालाँकि, विराट पूरी तरह फिट खिलाड़ी हैं और पूरे सीज़न के लिए भी खेल सकते हैं, अगर वह चोटिल नहीं होते। कम से कम बैंगलोर टीम प्रबंधन तो यही चाहेगा कि वह पूरे सीज़न के लिए टीम का नेतृत्व करें।

कोहली के अलावा, इंग्लैंड के मोइन अली और ऑस्ट्रेलिया के मार्कस स्टोइनिस का 1 मई के बाद वापिस जाना लगभग तय है। हालांकि, कोलिन डी ग्रैंडहोम, नाथन कूल्टर नाइल, शिवम दुबे और वाशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों का पूरे सीज़न के लिए उपलब्ध रहना आरसीबी के लिए एक राहत की बात है।

#6. सनराइज़र्स हैदराबाद

सनराइज़र्स हैदराबाद ने पिछले कुछ सालों से आईपीएल में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। इस साल होने वाले आईपीएल सीज़न में ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक बल्लेबाज़ डेविड वार्नर के टीम में वापिस आने की पूरी संभावना है। हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई टीम के प्रदर्शन में उनके और स्टीव स्मिथ के निलंबन के बाद जो कमी आई है उसको पूरा करने के लिए वार्नर चालू सीज़न के बीच से ही वापिस लौट सकते हैं।

लेकिन हैदराबाद के लिए सबसे बड़ा झटका होगा इंग्लैंड के विकेट-कीपर बल्लेबाज़ जॉनी बैर्स्टो का पूरे सीज़न उपलब्ध ना रहना। बैर्स्टो इस समय ज़बरदस्त फॉर्म में हैं और विकेटों के पीछे भी उनका प्रदर्शन लाजबाव रहा है।

इसके अलावा, भारतीय खिलाडियों की बात करें तो भुवनेश्वर कुमार, जिन्हें विश्व कप में जसप्रीत बुमराह के साथ भारतीय तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण की कमान संभालनी है, के पूरा सीज़न उपलब्ध रहने पर संशय बरकरार है। इस बात की संभावना है कि बीसीसीआई उन्हें विश्व कप से पहले पूरा आराम देना चाहेगी। लेकिन इन सबके बावजूद हैदराबाद टीम किसी भी टीम को कड़ी टक्कर दे सकती है और आगामी आईपीएल में जीत की प्रबल दावेदार होगी।

#7. मुंबई इंडियंस

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मुंबई इंडियंस शायद विश्व कप की वजह से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाली एकमात्र टीम होगी। इंडियंस के तीन सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी- रोहित शर्मा, हार्दिक पांड्या और जसप्रीत बुमराह का पूरे आईपीएल सीज़न के लिए उपलब्ध रहना लगभग नामुमकिन है।

हालांकि, रोहित शर्मा भारतीय टेस्ट टीम के नियमित खिलाड़ी नहीं हैं और मुमकिन है कि वह पूरे सीज़न के लिए उपलब्ध रहे। लेकिन, बाकी के दो खिलाड़ियों के बारे में यह कहना मुश्किल है।

जसप्रीत बुमराह निश्चित रूप से तेज़ गेंदबाजी विभाग में भारत के एक्स-फैक्टर हैं। विश्वकप में पूरी तरह फिट बुमराह उतने ही ज़रूरी है जितने बल्लेबाज़ी में कप्तान विराट कोहली।

दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के दौरे सहित आगे होने वाले न्यूजीलैंड दौरे के व्यस्त कार्यक्रम को देखते हुए एमआई को अपने शीर्ष तेज़ गेंदबाज़ के बिना ही उतरना पड़ेगा, कम से कम आईपीएल के नॉक-आउट दौर में।

दूसरी ओर, हार्दिक पांड्या का भी पूरे सीज़न के लिए खेलना मुश्किल लगता है क्यूंकि वह इस समय भारतीय टीम के एकमात्र सीमर आलराउंडर हैं। वहीं, जेसन बेहरनडॉर्फ के ऑस्ट्रेलियाई विश्व कप टीम में शामिल होने की संभावना कम ही है, इसलिए कम से कम, यह मुंबई इंडियंस के लिए एक राहत की बात होगी।

#8. राजस्थान रॉयल्स

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मुंबई इंडियंस के विपरीत, राजस्थान रॉयल्स के सभी प्रमुख खिलाड़ी विदेशी हैं। लेकिन मुंबई इंडियंस की तरह ही रॉयल्स को विश्व कप की वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।

1 मई के बाद, जब ऑस्ट्रेलियाई और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड अपने खिलाड़ियों को वापस बुलाएँगे, तो रॉयल्स के लिए यह बहुत बड़ा झटका होगा। कम से कम कागज़ों पर यह एक कमज़ोर टीम नज़र आएगी।

जोस बटलर, बेन स्टोक्स और जोफ्रा आर्चर सहित सभी विदेशी खिलाड़ियों के अलावा उन्हें कप्तान स्टीव स्मिथ की बहुत कमी खलेगी। इनमें से प्रत्येक खिलाड़ी अकेले दम पर मैच जिताने में सक्षम है और रॉयल्स के पास कम से कम इन खिलाड़ियों का कोई प्रतिस्थापन नहीं है।

लेकिन फिर भी राजस्थान हमेशा से एक छुपी-रुस्तम टीम रही है और शेन वार्न और राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में जैसा प्रदर्शन इस टीम ने किया है, वे आईपीएल में किसी भी टीम को कड़ी टक्कर देने में सक्षम है। विशेष रूप से रॉयल्स के प्रशंसक तो यही चाहेंगी कि उनकी पसंदीदा टीम एक बार फिर से आईपीएल ट्रॉफी उठाये।

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Edited by
सावन गुप्ता
 
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