भारतीय क्रिकेट टीम 6 दिसंबर से एडिलेड ओवल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेलने के लिए तैयार है। मेजबान टीम अपने सबसे अनुभवी खिलाड़ियों, डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ के बिना ही मैदान पर उतरेगी। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई धरती पर ऑस्ट्रेलिया को हराने के लिए भारतीय टीम के लिए यह सीरीज सुनहरा अवसर होगा।
हाल ही में खत्म टी20 सीरीज में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने एक-एक मैच जीता और ट्रॉफी साझा की। टीम इंडिया अब ऑस्ट्रेलियाई टीम से टेस्ट सीरीज से पहले एक अभ्यास मैच खेल रही हैं। हालांकि, भारतीय टीम को अभी संतुष्ट नहीं होना चाहिए क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई टीम के पास सीरीज में भारत को हराने के लिए अभी भी फायरपावर है। ऐसे में भारत इस टेस्ट सीरीज को हार भी सकता है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जाएगी। आइए यहां एक नजर उन कारणों पर डालते हैं जिनकी वजह से चार साल बाद ऑस्ट्रेलिया की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में जीत हो सकती है और भारत को इस सीरीज में हार मुंह देखना पड़ सकता है।
#1 विदेशी स्पिनरों के आगे नाकाम
भारतीय बल्लेबाज विदेशी स्पिनरों से निपटने में नाकाम रहे हैं। यह पहला और सबसे बड़ा कारण है कि भारत एक विदेशी टेस्ट सीरीज जीतने में नाकाम रहा हैं। इंग्लैंड में आखिरी टेस्ट सीरीज में भी मोइन अली जैसे अंशकालिक ऑफ स्पिनर ने भारतीय बल्लेबाजी लाइन-अप को पूरी तरह से बिखेरकर रख दिया था। मोइन अली ने सिर्फ 2 मैचों में 12 भारतीय विकेट लिए और इंग्लैंड को सीरीज जीतने में मदद की।
यदि आपको भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2014-15 श्रृंखला याद है, तो आपको याद होगा कि मिचेल स्टार्क, जोश हेजलवुड या मिचेल जॉनसन वे खिलाड़ी नहीं थे जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया को मैचों में जिताया था बल्कि यह उनके ऑफ स्पिनर नाथन लायन थे। लायन ने एडिलेड टेस्ट में 12 विकेट लिए और भारतीय बल्लेबाजों को बहुत परेशान कर दिया। गौतम गंभीर, वीरेंदर सहवाग, राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर के संन्यास के बाद से स्पिन के साथ भारत की समस्याएं लगातार जारी रही हैं।
यह भी पढें: 5 भारतीय खिलाड़ी जिनका ये आखिरी ऑस्ट्रेलियाई दौरा हो सकता है
क्रिकेट की ब्रेकिंग न्यूज़ और ताज़ा ख़बरों के लिए यहां क्लिक करें
#2 हार्दिक पांड्या की गैरमौजूदगी
हार्दिय पांड्या भारतीय क्रिकेट टीम में एक ऑलराउंडर की भूमिका निभाते हैं। ऐसे में हार्दिक पांड्या के कंधों पर काफी जोरदार दबाव आ जाता है। हालांकि ये बात कुछ हद तक सही साबित होने लगी है क्योंकि हार्दिक पांड्या टीम से बाहर रहे तो टीम में ऑलराउंडर की जगह खाली हो जाती है।
हार्दिक पांड्या की अनुपस्थिति भारत को नुकसान पहुंचा सकती है। बड़ौदा के ऑलराउंडर हार्डिक पांड्या घायल होने के बाद से टीम से बाहर हो गए हैं। वह विंडिज सीरीज में टीम मे शामिल नही थे और ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भी भारतीय टेस्ट टीम मे शामिल नही है। पांड्या भारतीय टीम में बहुत आवश्यक संतुलन प्रदान करते थे क्योंकि वह दोनों विभागों (बल्लेबाजी और गेंदबाजी) में अच्छी प्रदर्शन कर सकते हैं। इस कारण भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की हार हो सकती है।
यह भी पढ़ें: भारत के 5 क्रिकेट स्टेडियम जहां खेला जा सकता है 2023 के विश्व कप का फाइनल मैच
#3 अनुभवहीन विकेटकीपर
ऋद्धिमान साहा, जो महेंद्र सिंह धोनी के बाद टीम के टेस्ट विकेटकीपर थे, चोटिल होने के कारण टीम में शामिल नहीं हैं। बंगाल के विकेटकीपर के पास विकेटकीपिंग के सर्वश्रेष्ठ गुण है। हर मोर्चे पर वो अच्छी तरह से विकेटकीपिंग करते हैं। लेकिन, मौजूदा भारतीय टीम को देखते हुए ऐसा लगता है कि ऋषभ पंत पहले टेस्ट में विकेटकीपिंग करेंगे।
ऑस्ट्रेलियाई पिचों को गति और उछाल की अधिक मात्रा के लिए जाना जाता है और जहां पंत के विकेटकीपिंग कौशल का परीक्षण किया जाएगा। कोई संदेह नहीं है कि पंत सर्वश्रेष्ठ भारतीय बल्लेबाजों में से एक है जो विकेटकीपर का काम भी कर सकते हैं। लेकिन विदेशों में टेस्ट जीतने के लिए भारतीय टीम को विकेटकीपर की जरूरत होती है जो अच्छी बल्लेबाजी कर सकता है, न कि बल्लेबाज जो विकेटकीपिंग कर सकता है।
यह भी पढ़ें: वनडे क्रिकेट में ये 3 धाकड़ बल्लेबाज बना सकते हैं 'तिहरा शतक'
#4 निचले बल्लेबाजों की कमजोर कड़ी
निचला बल्लेबाजी क्रम भारत का काफी खराब है। ऑस्ट्रेलिया में खेली गई पिछली भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया सीरीज के आंकड़ों की बात की जाए तो मिशेल स्टार्क की बल्लेबाजी औसत 52.00 थे। वहीं मिचेल जॉनसन ने पूरी सीरीज में माइकल क्लार्क से केवल 2 रन कम बनाए थे।
भारतीय गेंदबाज अच्छी बल्लेबाजी करते हुए कम ही दिखाई देते हैं लेकिन जब विपक्ष की निचली बल्लेबाजी की बात आती है तो भारतीय गेंदबाज उनके आगे बुरी तरह विफल हो जाते हैं। विपक्ष के निचले बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों के आगे रन स्कोर करते रहते हैं और टीम इंडिया के गेंदबाजों के पसीने छुड़ा देते हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ पिछली सीरीज में देखा गया था जहां सैम करन ने इंग्लैंड के निचले क्रम में नेतृत्व किया और क्रीज पर डटे रहे। अब टेस्ट सीरीज जीतने के लिए भारत को ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को जल्दी से निपटाने की रणनीति तैयार करनी चाहिए वरना भारत इस सीरीज को भी गंवा देगा।
यह भी पढ़ें: 5 क्रिकेटर जो वनडे में लंबे करियर के बाद भी अब तक टिके हुए हैं
#5 बल्लेबाजी क्रम
इस बात पर फिलहाल खुलासा नहीं हो सका है कि एडीलेड में भारत के लिए पारी की शुरुआत कौन करेगा। भारतीय टीम में पृथ्वी शॉ, मुरली विजय, केएल राहुल और रोहित शर्मा संभावित सलामी बल्लेबाज हैं। हालाँकि विजय को हाल ही में अपने खराब फॉर्म के कारण टेस्ट टीम से हटा दिया गया था।
इंडियन प्रीमियर लीग के चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली एकमात्र बल्लेबाज हैं जिन्होंने बल्लेबाजी क्रम में अपनी स्थिति मजबूत की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि रोहित को टीम में जगह दी जाएगी या हनुमा विहारी अपना दूसरा टेस्ट मैच खेलेंगे। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 6 दिसंबर को पहले टेस्ट मैच की शुरुआत हो रही है। ऐसे में अगर भारतीय बल्लेबाजी क्रम के चयन में थोड़ी सी भी गड़बड़ी हुई तो ऑस्ट्रेलिया इस चीज का फायदा उठा लेगी।
यह भी पढ़ें: 3 भुला दिए गए भारतीय क्रिकेटर जो वर्ल्ड कप के लिए टीम का बैकअप बन सकते हैं
लेखक: विनय छाबरिया
अनुवादक: हिमांशु कोठारी