Gautam Gambhir and Ben Stokes opinion injury replacements: भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत की इंजरी के बाद उठी बहस ने एक नया मोड़ ले लिया है। मैनचेस्टर टेस्ट के दौरान चोटिल हुए पंत रिटायर्ड हर्ट होकर पवेलियन लौट गए थे। स्कैन में पता चला कि उनके अंगूठे में फ्रैक्चर है। इसके चलते पंत छह हफ्तों के लिए क्रिकेट से दूर हो गए। पहले ही दिन लगी इस चोट के बाद कई दिग्गजों ने कहा कि ऐसी चोट का रिप्लेसमेंट मिलना चाहिए।
लोगों का कहना था कि ऐसी गंभीर और बाहरी चोट के बाद टीम को उस प्लेयर का लाइक टू लाइट रिप्लेसमेंट दे देना चाहिए। हालांकि कुछ लोग इसके पक्ष में नहीं हैं। और इस पर बहस जारी है।
बेन स्टोक्स को नहीं मंजूर रिप्लेसमेंट
मैनचेस्टर टेस्ट खत्म होने के बाद भी इस पर चर्चा हुई। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और भारतीय कोच गौतम गंभीर इस मामले में अलग सोचते हैं। स्टोक्स जहां ऐसी चोटों को खेल का हिस्सा बताते हुए रिप्लेसमेंट के पक्ष में नहीं हैं, वहीं गंभीर का मानना है कि रिप्लेसमेंट मिलनी चाहिए।
मैच के बाद स्टोक्स कहा,
''मेरे हिसाब से ये बिल्कुल बकवास है कि लोग इंजरी रिप्लेसमेंट पर चर्चा कर रहे हैं। मेरे हिसाब से अगर ऐसा हुआ तो इसमें बहुत सारे लूपहोल्स होंगे जिनका फायदा टीमें उठाएंगी। आप एक गेम के लिए अपने 11 प्लेयर चुनते हैं, चोटें खेल का हिस्सा हैं। मैं कन्कशन रिप्लेसमेंट समझता हूं, प्लेयर्स की भलाई और सुरक्षा भी जरूरी है। लेकिन मेरे हिसाब से इंजरी रिप्लेसमेंट पर चल रही चर्चा तुरंत रुक जानी चाहिए क्योंकि अगर आप मुझे MRI स्कैनर में डालेंगे तो शायद मेरे अंदर भी कुछ समस्याएं निकल आएं।''
वहीं भारतीय हेड कोच गंभीर इसके पक्ष में हैं। उन्होंने कहा,
''हां, अगर कोई बाहरी चोट या गंभीर समस्या है, तो मैं पूरी तरह के सब्सिट्यूट मिलने के पक्ष में हूं। ख़ासतौर से इस प्रकार की सीरीज़ में, अगर किसी की चोट एकदम ज़ाहिर है तो बदलाव करने में कोई समस्या नहीं है। ऐसी लंबी सीरीज़ में आपको सिर्फ दस प्लेयर्स के साथ खेलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।''
बता दें कि ऋषभ पंत की चोट के बावजूद भारत ने मैनचेस्टर टेस्ट ड्रॉ करा लिया। कप्तान शुभमन गिल, वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा ने शतकीय पारियां खेलीं। जबकि केएल राहुल ने भी 90 रन का योगदान दिया। सीरीज का आखिरी टेस्ट 31 जुलाई से द ओवल में खेला जाएगा।