विश्व कप 2019 का समापन एक रोमांचक ढंग से हुआ, क्योंकि मेजबान इंग्लैंड ने सुपर ओवर के टाई होने के बाद न्यूजीलैंड को ज्यादा बाउंड्री के आधार पर फाइनल मैच में हराकर अपना पहला विश्व कप का खिताब जीता।
टूर्नामेंट में ऐसे कई बड़े खिलाड़ी थे जिनसे विश्व कप 2019 में काफी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी, पर वह उन उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके।
उनके खराब प्रदर्शन के कारण ही उन खिलाड़ियों की टीम विश्व कप में उतना अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं हुई।
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आइए नजर डालते हैं ऐसे ही खिलाड़ियों की प्लेइंग XI पर जो अपेक्षा के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकामयाब रहे:
# ओपनर्स: मार्टिन गप्टिल, फखर जमान
मार्टिन गप्टिल 2015 विश्व कप में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। इस विश्व कप में वह अपने उस प्रदर्शन के कहीं आसपास भी नहीं दिखे।
गप्टिल ने इस विश्व कप की 10 पारियों में मात्र 20.66 की साधारण औसत से 186 रन बनाए जिसमें 1 अर्धशतक शामिल है, जो उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ बनाया था।
पूरे टूर्नामेंट में उनकी फॉर्म खराब रही जिसकी वजह से न्यूजीलैंड हमेशा एक अच्छी शुरुआत पाने में असफल रही।
2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत के खिलाफ शानदार शतक लगाकर पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी जिताने वाले फखर जमान के लिए यह विश्व कप काफी निराशाजनक रहा।
वनडे में सबसे तेज 1000 रन का रिकॉर्ड फखर के नाम ही है, मगर वो अपनी उस फॉर्म को इस विश्व कप में बरकरार नहीं रख सके।
इसका नुकसान पाकिस्तान को लीग स्टेज से बाहर होकर ही उठाना पड़ा। फखर ने विश्व कप की 8 पारियों में केवल 23.25 की औसत से 186 रन बनाए इसमें मात्र 1 अर्धशतक शामिल है।
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# मध्यक्रम: शोएब मलिक, डेविड मिलर, सरफराज अहमद (कप्तान और विकेटकीपर)
शोएब मलिक अपने आखिरी विश्वकप में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके। मलिक ने विश्व कप में कुल 3 पारियां खेली, जिसमें मात्र 8 रन ही बना सके। मलिक ने विश्व कप के बाद अपने वनडे से संन्यास ले लिया।
डेविड मिलर के पास निचले क्रम में बड़े शॉट लगाने की क्षमता है लेकिन वह क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन करने में नाकामयाब रहे। उन्होंने छह मैचों में केवल 86.89 के स्ट्राइक रेट से 136 रन ही बनाए।
सरफराज अहमद ना तो अपने बल्ले से कुछ कमाल कर सके और ना ही अपनी कप्तानी से प्रभाव छोड़ सके। सरफराज ने 8 मैचों में 145 रन बनाए और अपनी टीम को मुश्किल परिस्थितियों में संभालने में नाकामयाब हुए।
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# ऑलराउंडर्स: मार्कस स्टोइनिस और ग्लेन मैक्सवेल
ऑस्ट्रेलिया को मार्कस स्टोइनिस से गेंद और बल्ले दोनों के साथ अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन उन्होंने पूरे विश्व कप में अपने प्रदर्शन से ऑस्ट्रेलिया को निराश ही किया। वह ना तो बल्ले से कुछ कमाल दिखा सके और ना ही गेंद से वह प्रदर्शन कर पाए जिसके लिए वह जाने जाते हैं।
स्टोइनिस ने 13.83 की खराब औसत से 8 पारियों में केवल 83 रन बनाए और गेंदबाजी में भी मात्र 7 विकेट ही ले पाए ।
ग्लेन मैक्सवेल को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिन ऑल राउंडरो में से एक माना जाता है। वह इस विश्व कप के दौरान अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं थे।
'बिग शो' के नाम से मशहूर मैक्सवेल ने 22.12 की औसत से 10 मैचों में केवल 170 रन बनाए और गेंद के साथ भी उनका प्रदर्शन काफी साधारण रहा।
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# स्पिनर्स: राशिद खान, कुलदीप यादव
राशिद खान ने अफगानिस्तान को विश्व क्रिकेट में अलग पहचान दिलाई है लेकिन इस विश्व कप में वह पूरी तरह से फ्लॉप रहे।
राशिद ने 59.42 की खराब औसत से मात्र 9 विकेट लिए। विश्व कप के इतिहास का सबसे खराब गेंदबाजी का रिकॉर्ड भी राशिद के नाम दर्ज हुआ। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 10 ओवरों में 110 रन लुटाए थे।
कुलदीप यादव जिन्हें इस विश्व कप में भारतीय टीम का ट्रंप कार्ड माना जा रहा था। उनके लिए यह विश्व कप एक बुरे सपने की तरह था।
कुलदीप ने हालांकि बल्लेबाजों को परेशान जरूर किया पर विकेट लेने में कामयाब नहीं हुए। कुलदीप ने विश्व कप के 7 मैचों में 6 विकेट चटकाए और इसी खराब प्रदर्शन की वजह से उन्हें सेमीफाइनल मुकाबले में जगह भी नहीं मिली।
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# तेज गेंदबाज: कगिसो रबाडा, हसन अली
कगिसो रबाडा को आज के दौर के तेज गेंदबाजों में सबसे बेहतरीन माना जाता है। दक्षिण अफ्रीका को विश्व कप 2019 में उनसे काफी उम्मीदें थी, मगर वह उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके।
रबाडा ने विश्व कप में मात्र 11 विकेट चटकाए जो कि उनकी क्षमता के अनुरूप नहीं था। कप्तान फाफ डू प्लेसिस ने उनके इस खराब प्रदर्शन के लिए आईपीएल को भी जिम्मेदार ठहराया।
हसन अली ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शानदार शुरुआत की थी। 2017 में पाकिस्तान की चैंपियंस ट्रॉफी जीत में उन्होंने एक अहम भूमिका निभाई थी।
हालांकि विश्व कप में उनका प्रदर्शन बहुत ही निराशाजनक रहा उन्होंने चार मैचों में 7.75 के इकॉनमी रेट से मात्र 2 विकेट चटकाए और इस दौरान वह अपनी लाइन और लेंथ को तलाशते रहे।
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