अस्थमा की परेशानी सेहत को खराब करने के साथ साथ साँस को लेकर भी परेशानी पैदा कर देती है। इस स्थिति में इंसान के साँस लेने की नली में रूकावट आ जाती है या यूँ कहें कि साँस लेने में परेशानी होती है जिसकी वजह से सेहत पर असर पड़ता है। अस्थमा की स्थिति में इंसान को अपनी दवाई के साथ साथ अन्य कई चीजों का ध्यान रखना चाहिए ताकि उन्हें कोई परेशानी पेश ना आए। यहाँ ये बात ध्यान देने वाली है कि अस्थमा किसी भी उम्र में हो सकता है। इसके लिए एक तरफ जहाँ बाहरी स्थितियां जिम्मेदार हैं वहीं पर्सनल कारण भी इसे काफी खराब बना देते हैं।
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कोरोनावायरस के इस काल में आपको अपना ध्यान रखने की बहुत जरूरत है क्योंकि एक छोटी सी गलती आपकी सेहत के बैलेंस को बिगाड़ सकती है। कोरोनावायरस के लिए जहाँ वैक्सीन मौजूद है तो वहीं अस्थमा के लिए इन्हेलर का इस्तेमाल जरूरी होता है। इस बात का ध्यान रखें कि दवाई के साथ साथ आपको अपनी आदतों को भी सुधारना होगा ताकि ये परेशानी आपको ज्यादा समय तक दिक्कत ना दे। इसमें डॉक्टर से परामर्श सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी भी स्थिति में डॉक्टर के पास ही किसी भी बीमारी का हल होता है।
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अस्थमा से बचने के लिए क्या करें
अस्थमा से बचने के लिए आप अपनी दवाइयों को समय पर लें। इसके साथ साथ यदि कोई ऐसी स्थिति हो जिसमें अस्थमा का अटैक आने या फिर उससे जुड़े कोई भी कारण नजर आएं तो उनके आने से पहले ही खुद को सचेत कर लें। यदि आपको साँस लेने में परेशानी या खाँसी प्रत्येक हफ्ते में एक या दो बार ही हो रही है तो इसका मतलब है कि अस्थमा कंट्रोल में है।
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आप एक्सरसाइज से अपने फेफड़ों के काम करने के तरीके को बेहतर कर लें और इससे खुद को बेहतर रखें। अगर आपके साँस लेने के तरीके और फेफड़ों में कोई परेशानी नहीं आती है तो समय के साथ अस्थमा भी खत्म हो जाता है या कंट्रोल में आ जाता है। ये एक अच्छी खबर है खासकर इसलिए क्योंकि आपकी सेहत का सीधा असर आपके जीवन पर पड़ता है।