मेंटल हेल्थ को अमूमन इतना ध्यान नहीं मिलता है जितने की जरूरत है लेकिन मेंटल हेल्थ पर बात होना उतना ही जरूरी है जितना हम किसी भी अन्य बीमारी के बारे में बात करते हैं। ऐसे कई लोग हैं जो मेंटल हेल्थ से जुड़ी जानकारियों पर बात करते हैं लेकिन कोरोनावायरस के समय इसमें होने वाले बदलाव और जरूरतों के आधार पर मेंटल हेल्थ को हो रहे नुकसान पर किसी का ध्यान नहीं जाता है।
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शरीर में मौजूद हर अंग का एक महत्त्व है और दिमाग का उसमें एक अहम स्थान है। अगर आपका दिमाग सही से काम नहीं करेगा तो शरीर का कोई भी अंग सही से काम नहीं कर सकता है। इसका ये अर्थ नहीं है कि हम अपने दिमाग का ध्यान नहीं रख सकते हैं या दिमाग का ध्यान कैसे रखा जाए ये हमें मालूम नहीं है।
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मानसिक स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए आपको सबसे पहले तो ये समझना होगा कि हर बीमारी का इलाज मुमकिन है। अगर आप ये मानेंगे कि परेशानी का हल है तो ही आप उसका हल ढूंढ सकेंगे। ऐसा ना सोचने की स्थिति में आप खुद को परेशान और मन को उदास कर लेते हैं जो कहीं से भी सही नहीं है।
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मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए करें ये उपाय
इस बात का ध्यान रखें कि हर परेशानी का हल एक डॉक्टर के पास होता है लेकिन चूँकि ये आपका शरीर है तो आपको भी इसका ध्यान रखना होगा। अगर आप इसका ध्यान नहीं रखेंगे तो उससे किसी को लाभ नहीं होगा क्योंकि आखिरकार सेहत है आपकी और जीवन है आपका। यहाँ ये ध्यान जरूर रखें कि हालात चाहे कितने भी बुरे हो जाएं उम्मीद का दामन कभी ना छोड़ें।
कोरोनावायरस के दौरान कई संगठनों के द्वारा किए गए सर्वे में ये बात सामने आई है कि लोगों को लॉकडाउन के बाद ही डिप्रेशन ने परेशान किया था। इसकी सबसे बड़ी मार उन लोगों पर पड़ी जिन्हें हर रोज काम करके जीवन जीने की आदत थी और उसकी वजह से उन्हें अपने काम और कई बार जीवन से भी हाथ गंवाना पड़ा। मेंटल हेल्थ के लिए सिर्फ अच्छा सोचें और साथ ही डॉक्टरी परामर्श जरूर लें क्योंकि एक बार यदि मानसिक तौर पर आप ठीक नहीं रहे तो आपको कुछ भी अच्छा नहीं लगेगा और ये आपके साथ साथ सबके लिए एक परेशानी का सबब बन जाएगा।