अगर आपने कभी भी योग करने या उससे जुड़ी कोई भी बातचीत की होगी तो लोगों ने सबसे पहले आपको अनुलोम विलोम करने की सलाह दी होगी। ये बात ठीक है कि ये सबसे आसान आसन है लेकिन अगर आसान सी चीज भी गलत तरह से की जाए तो उससे नुकसान हो सकता है जो सही नहीं है।
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अनुलोम विलोम के बारे में हर कोई जानता है, भले ही वो उसका इस्तेमाल खुद ना करते हों। ये बात हैरान करने वाली है क्योंकि अनुलोम विलोम को करने वाले भी इसमें ऐसी गलतियाँ करते हैं जो आप उम्मीद नहीं लगा सकते हैं। ऐसे ही कई लोग कपालभाति प्राणायाम करने की कोशिश करते हैं और पेट कम करने की जगह उसे बढ़ा लेते हैं।
ये दुखद है कि जब हम आसानी से आसन कर सकते हैं तो भी हम ऐसी गलतियाँ करते हैं जिससे हमें ही नुकसान होता है। योग में आसन के दौरान इस्तेमाल होने वाली मुद्रा ही सारा प्रभाव रखती है। अगर आपकी मुद्रा गलत है तो आप आसन का प्रभाव कम और दुष्प्रभाव ज्यादा देखेंगे। आइए आपको बताते हैं अनुलोम विलोम से जुड़ी उन गलतियों के बारे में जो आपको नहीं करनी चाहिए।
अनुलोम विलोम में ये गलतियाँ ना कर के अपनी सेहत को चुस्त एवं दुरुस्त बनाएं (Don't make these mistakes during Anulom Vilom)
हाथ की उँगलियों का सही इस्तेमाल करें (Use the right finger for effect)
पेंटिंग बनाते समय अगर आप रंग लगाने की जगह उसे गिरा लेंगे तो तस्वीर खराब बनेगी। उसी तरह से अनुलोम विलोम के दौरान गलत उँगलियों का प्रयोग करेंगे तो फायदा नहीं होगा। जब आप अनुलोम विलोम करने बैठें तो अंगूठे और उसके साथ वाली ऊँगली तर्जनी को जोड़ के रखें। हमारी हर ऊँगली शरीर के अंदर किसी तंत्र से जुड़ी होती है इसलिए गलत प्रभाव को शरीर का हिस्सा ना बनाएं।
हमेशा एक ही हाथ की उँगलियों से इस आसन को करें (Use one hand's fingers for this aasan)
ऐसा कई बार होता है कि हम वर्जिश करते समय एक साथ कई अंगों का प्रयोग करते हैं। यही आदत हम अनुलोम विलोम में भी इस्तेमाल करते हैं, जो सही नहीं है। आप जिस हाथ को उठाएंगे उस तरफ वाली नासिका को अंगूठे से बंद करेंगे जबकि दूसरी नासिका के लिए आप तर्जनी का प्रयोग करेंगे।
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पीठ सीधी रखकर ही ये योगासन करें (Keep your back straight)
योग आपके शरीर के आकार, प्रकार और विकार को मिटाने के लिए है। ये आपको रोगी से निरोगी बनाने के लिए है। ऐसे में अगर आप सुस्त होकर या पीठ को झुकाकर इसके आसन करेंगे तो आप योग को खराब कर रहे हैं। ये बात अनुलोम विलोम पर भी लागू होती है। इसलिए जब भी इस आसन को करें तो हमेशा अपनी पीठ सीधी रखें।
ध्यान को सांसों पर लेकर आएं (Focus on the breath)
योग साँसों का खेल है और अगर आप उसे सही से नहीं करते हैं तो योग के उस आसन की मुद्रा का लाभ आपको नहीं मिलता है। ऐसे में आपको इस एवं अन्य आसनों के दौरान अपनी साँसों पर ध्यान देना चाहिए। साँसों पर ध्यान लाने से आपका फोकस बढ़ता है और आसन का प्रभाव बेहतर होता है।
दिमाग एवं शरीर को एकदम रिलैक्स रखें (Keep your mind and body relaxed)
एक शांत दिम्माग या ठंडा दिमाग ही हर परेशानी का हल है। यही वजह है कि जब भी जीवन में कोई कठिनाई आती है तो हमें ठंडे दिमाग से सोचने के लिए कहा जाता है। अगर आप अपना दिमाग इस बात की तरफ दौड़ाएंगे कि आपका पडोसी कैसा कर रहा है या कुछ और व्यतिगत बातें खुद से करेंगे तो आप आसन से ध्यान भटका लेंगे। शरीर को रिलैक्स रखना जरूरी है लेकिन उसके लिए पीठ को ढीला रखना किसी भी रूप से जरूरी नहीं है।
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