कच्चा दूध हर किसी के लिए पचाना आसान नहीं है। कच्चा दूध अगर आप गाँव में रहते हैं या वहां की आपकी पैदाइश है तो आप इसे आराम से पी सकेंगे। अगर आपका स्टैमिना अच्छा है तो भी आप इसका सेवन कर सकेंगे। इन दोनों स्थितियों के अलावा आपको सिर्फ तब ही कच्चे दूध का सेवन करना चाहिए जब आपको डॉक्टर ऐसा करने की सलाह दे।
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कच्चा दूध सभी गुणों से भरपूर होता है लेकिन चूँकि हमारी इम्यूनिटी और डाइजेस्टिव सिस्टम इतने अच्छे प्रभाव को एक साथ समाहित नहीं कर पाता है तो हमें ये परेशानी देखने को मिलती है। वहीं ये बात भी सच है कि पॉश्चुरीकृत दूध के मुकाबले कच्चा दूध आपको खाद्य से होने वाली बीमारियों से दो चार करा सकता है।
ऐसे में आपको ध्यान रखना चाहिए क्योंकि आपको दोनों प्रकार से परेशानी हो सकती है। आप अगर अपनी सेहत का ध्यान रख रहे हैं तो फिर आपको कोई दिक्कत नहीं हो सकती है लेकिन इसमें होने वाली कोई भी लापरवाही सेहत को बुरी स्थिति में ड़ाल सकती है तो आप बिल्कुल नहीं चाहेंगे।
कच्चे दूध के 3 नुकसान
जूनोसिस का खतरा हो सकता है
अगर आप बीमार हैं या आप जिससे दूध लेते हैं उसका वो जानवर बीमार है तो आपको जूनोसिस हो सकता है। ये एक ऐसी बीमारी है जो इंसानों से जानवर और जानवर से इंसान को हो सकती है। इस बीमारी में इंसान को अपने लिए नुकसान देखना पड़ता है जो अच्छी बात नहीं है।
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कई बीमारियों को देता है जन्म
कच्चे दूध में माइक्रोबियल पाया जाता है जिसमें सालमोनेला, कैंपीलोबैक्टर और लिस्टेरिया पाया जाता है जो संक्रमण को बढ़ाता है। ये अमूमन गर्भवती महिलाओं एवं बड़ों में पाया जाता है जिसकी वजह से ये बड़े स्तर का डिसॉर्डर बन जाता है और आपको खाने पीने में भी परेशानी पेश आती है।
उल्टी और दस्त का एक बड़ा कारण
अगर आपने कच्चा दूध पिया तो आपको उल्टी हो सकती है या फिर दस्त भी लग सकते हैं। शहर में रहने वाले लोगों की इम्यूनिटी इस स्तर की नहीं है कि वो इसका सेवन एवं इस्तेमाल कर सकें। इसलिए आपको इसका ध्यान रखना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि आप खौलाया हुआ दूध ही पिएं।
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